कोलकाता.
राज्य में एसआइआर की प्रक्रिया जारी है. इसको लेकर सियासी घमासान भी खत्म नहीं हुआ है. इसके साथ ही भारत में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों के गैर-कानूनी ढंग से ही अपने देश में वापसी की कोशिश की घटनाएं भी सामने आयी हैं. ऐसी घटनाओं के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सीमावर्ती इलाकों में निगरानी और बढ़ा दी हैं. बताया जा रहा है कि उत्तर 24 परगना जिले के स्वरूपनगर सीमांत क्षेत्र में गत शुक्रवार से सोमवार यानी चार दिनों में 20 बच्चों समेत कुल 109 बांग्लादेशी नागरिकों को बीएसएफ ने पकड़ा है. ये सभी भारत से अवैध रूप से बांग्लादेश लौटने की कोशिश कर रहे थे. एसआइआर की प्रक्रिया शुरू होते ही राज्य में बीएसएफ ने सीमा पर अतिरिक्त गश्त और निगरानी काफी बढ़ा दी है.जिला प्रशासन ने भी स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय कर अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की दिशा में कदम उठाये हैं.
तृणमूल ने केंद्र को घेराघटना पर तृणमूल कांग्रेस के स्वरूपनगर दक्षिण ब्लॉक अध्यक्ष रमन सरकार ने केंद्र सरकार और बीएसएफ पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार के अधीन बीएसएफ की लापरवाही के कारण ही बड़ी संख्या में बांग्लादेशी अवैध रूप से भारत में प्रवेश करते हैं और दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सहित विभिन्न राज्यों में जाकर काम करते हैं. अब एसआइआर की घोषणा के बाद वे डर के कारण वापस लौट रहे हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि स्वरूपनगर की कई सीमाएं सोनाई नदी से लगती हैं, जहां तारबंदी नहीं है.
भाजपा का पलटवार, तृणमूल पर तस्करों के संरक्षण का आरोपवहीं भाजपा नेता वृंदावन सरकार ने कहा कि सोनाई नदी इतनी संकरी है कि उसे छलांग लगाकर पार किया जा सकता है. इसी कारण बांग्लादेशी घुसपैठिये और अवैध रूप से सीमा पार करने वाले भारतीय इस मार्ग का उपयोग करते हैं. बीएसएफ पूरी सक्रियता से काम कर रही है, तभी इतने बड़े पैमाने पर बांग्लादेशियों को पकड़ा जा सका है. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल हमेशा बीएसएफ की आलोचना करती है, जबकि असल में उसके कई नेता तस्करों और दलालों से मिले हुए हैं. उन्हीं की शह पर यह अवैध गतिविधियां चल रही हैं.
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