कोलकाता.
बीते दिनों कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से करीब 26 हजार शिक्षक व अन्य लोगों की नियुक्तियां रद्द करने को लेकर राज्य की राजनीति उफान पर है. इस बीच, योग्य लोगों को नौकरी वापस देने की मांग पर माकपा के शिक्षक संगठन व वाममोर्चा में शामिल घटक दलों के शाखा संगठनों की ओर से शनिवार को एसएससी भवन घेराव कार्यक्रम को लेकर साॅल्टलेक में तनाव फैल गया. पुलिस के साथ आंदोलनकारियों की हाथापाई भी हुई. इसमें कई आंदोलनकारियों को चोटें आयीं, तो पुलिस ने कई को हिरासत में भी लिया. तनाव उस वक्त शुरू हुआ, जब वाममोर्चा के शिक्षक व छात्रा-युवा संगठनों के सदस्य करुणामयी से जुलूस लेकर एसएससी भवन आ रहे थे. उस वक्त पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगाकर रोक दिया. इससे नाराज आंदोलनकारी जब विरोध करने लगे, तो पुलिस उन्हें पकड़ कर वैन में बैठाने लगी. इसको लेकर वहां उत्तेजना फैल गयी. बाद में नेताओं के हस्तक्षेप से स्थिति नियंत्रण में आयी.उल्लेखनीय है कि गत सोमवार को एसएससी की नियुक्ति प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार को देखते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट ने पूरी पैनल ही खारिज कर दी थी. इस वजह से 25753 लोगों की नौकरी एक झटके में चली गयी. नौकरी गंवाने वाले योग्य शिक्षकों व कर्मियों के समर्थन में इस जुलूस का एलान किया गया था, जिसमें इनकी नौकरी वापस करने की मांग की जा रही थी. आंदोलन का नेतृत्व कर रही डीवाइएफआइ की राज्य सचिव मीनाक्षी मुखर्जी ने बताया कि जुलूस में नौकरी गंवाने वाले शिक्षक व कर्मी भी थे. वे अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे थे.
पुलिस के साथ उनकी बात भी हो चुकी थी कि उनका एक प्रतिनिधिमंडल एसएससी के अधिकारियों को ज्ञापन देगा. लेकिन जैसे ही जुलूस करुणामयी के आचार्य भवन के करीब पहुंचा, पुलिस ने रास्ते में बैरिकेड लगाकर उसे रोक दिया. आंदोलनकारी जब बाधा को हटाकर आगे बढ़ना चाहे, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद बहस होने से वहां तनाव फैल गया. आंदोलनकारियों का आरोप है कि पुलिस के हमले से उनके कई लोग घायल हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है