पश्चिम बंगाल में राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले में पूर्व खाद्य मंत्री और वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक (Jyotipriya Mallik) की गिरफ्तारी के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है. वहीं, राज्य में बड़ी संख्या में राशन कार्ड रद्द किये जा रहे हैं. खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सिर्फ मुर्शिदाबाद जिले में आठ लाख 26 हजार राशन कार्ड रद्द किये गये हैं. बताया गया है कि ये राशन कार्ड 2021 के बाद रद्द किये गये हैं. मालूम हो कि राशन कार्ड में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए डिजिटल राशन कार्ड लांच किया गया था. इसके बाद से फर्जी और अस्तित्वहीन राशन कार्डों का मामला सामने आया. इसके बाद खाद्य विभाग ने इनकी पहचान कर इन्हें ब्लॉक करना शुरू कर दिया है.
राज्य सरकार ने दुआरे राशन योजना की शुरुआत की है
2021 में ज्योतिप्रिय मल्लिक को खाद्य विभाग से हटा दिया गया था. वहीं, विपक्ष पार्टियों ने इसे लेकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. हालांकि, तृणमूल का दावा है कि राज्य सरकार ने अपने कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बरतते हुए इतने सारे राशन कार्डों को रद्द कर दिया है. राज्य सरकार अब दुआरे राशन योजना के तहत लोगों के घर-घर राशन पहुंचा रही है. गौरतलब है कि राज्य में मुफ्त राशन की व्यवस्था काफी समय से चल रही है.
दो वर्ष पहले राज्य में करीब 10.7 करोड़ राशन कार्ड
दो वर्ष पहले राज्य में करीब 10.7 करोड़ राशन कार्ड थे. परिणामस्वरूप, राज्य हर साल इस पर भारी धनराशि खर्च करता है. मृतक के नाम पर राशन कार्ड या एक ही व्यक्ति के नाम पर कई राशन कार्ड होने के आरोप हैं. आधार लिंकिंग प्रक्रिया के बाद, राज्य सरकार ने इन सभी फर्जी राशन कार्डों की पहचान करने के लिए कदम उठाये. उस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद देखा गया है कि राज्य में आठ करोड़ 78 लाख वैध राशन कार्ड हैं. बाकी लगभग दो करोड़ राशन कार्ड राज्य सरकार ने निष्क्रिय कर दिये हैं. हालांकि, राज्य सरकार ने कहा है कि उचित जानकारी प्रदान करने पर निष्क्रिय राशन कार्ड को फिर से सक्रिय कर दिया जायेगा.