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ऑनलाइन वोटर पोर्टल से सैकड़ों वैध वोटरों के नाम गायब

एसआइआर के नियम के मुताबिक वर्ष 2002 के तालिका में सूचीबद्ध वोटरों को ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज कर फार्म वितरण कार्य बीएलओ के जरिये पूरे बंगाल में शुरू किया गया है.

दुर्गापुर. एसआइआर के नियम के मुताबिक वर्ष 2002 के तालिका में सूचीबद्ध वोटरों को ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज कर फार्म वितरण कार्य बीएलओ के जरिये पूरे बंगाल में शुरू किया गया है. लेकिन दुर्गापुर के कई वार्डों में आयोग द्वारा जारी ऑनलाइन पोर्टल में सैकड़ों वोटरों का नाम गायब होने से लोगों में भय और आक्रोश व्याप्त है. वहीं पोर्टल में कई वोटरों के नाम, पता और पारिवारिक संपर्क से जुड़े विवरण में भारी गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है.

276 नंबर क्षेत्र में गंभीर स्थिति

दुर्गापुर के 276 नंबर (पूर्व विधानसभा) के 220 और 221 नंबर बूथों के अधीन कई क्षेत्रों में 41 वैध वोटरों का नाम ऑनलाइन पोर्टल से गायब बताया गया है. ये सभी वर्षों से प्रत्येक चुनाव में मतदान करते आ रहे हैं. वहीं, उसी वार्ड के नतून पल्लि इलाके में डेढ़ सौ से अधिक लोगों का नाम पोर्टल में प्रकाशित ही नहीं किया गया है. नाम गायब होने से लोग अपनी नागरिकता प्रमाणित करने के लिए 2002 की वोटर सूची लेकर बीएलओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं.

लोगों ने अधिकारियों से की शिकायत

घटना की शिकायत दुर्गापुर के महकमा शासक से लेकर राज्य मंत्री प्रदीप मजूमदार से की गयी है. मंत्री प्रदीप मजूमदार ने इस स्थिति को विरोधियों की साजिश बताया. वहीं महकमा शासक ने लोगों से धैर्य बनाये रखने का आग्रह करते हुए समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया है. इधर, घटना को लेकर शहर में तृणमूल और भाजपा के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गयी है.

क्या है मामला

चुनाव आयोग ने वर्ष 2002 की वोटर तालिका को मान्य मानकर ऑनलाइन वोटर सूची प्रकाशित की है. इसके लिए आयोग ने बीएलओ के माध्यम से घर-घर फार्म वितरण की व्यवस्था की है. परंतु दुर्गापुर पूर्व विधानसभा के चार नंबर वार्ड के 41 वैध वोटरों का नाम पोर्टल में दर्ज नहीं है, जिससे लोग भय और असमंजस की स्थिति में हैं. तमाल भट्टाचार्य और समीर सेन सहित दर्जनों वोटरों ने कहा कि उन्होंने वर्षों से लोकसभा, विधानसभा और नगर निगम चुनाव में मतदान किया है. 2002 की हार्ड कॉपी में उनके नाम स्पष्ट दर्ज हैं, परंतु बीएलओ उनकी सहायता नहीं कर रहे और फॉर्म देने से भी इंकार किया जा रहा है. लोगों ने महकमा शासक और राजनीतिक दलों से हस्तक्षेप की मांग की है कि नाम तत्काल पोर्टल में पुनः दर्ज किया जाये.

विपक्ष की साजिश का आरोप

मंत्री प्रदीप मजूमदार ने कहा कि वैध वोटरों को अवैध घोषित करने का प्रयास विरोधियों की साजिश है. आयोग के पोर्टल से 41 से लेकर लगभग 300 लोगों के नाम हटाना गंभीर लापरवाही है. उन्होंने कहा कि सभी वोटरों के नाम 2002 की सूची में प्रमाणित हैं और तृणमूल संगठन प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा रहेगा.

प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया

शिकायत मिलते ही दुर्गापुर के महकमा शासक सुमन विश्वास ने कहा कि वैध वोटरों के नाम गायब होने की जांच की जायेगी. तकनीकी कारणों से समस्या हुई होगी. जल्द ही गायब नामों को सूचीबद्ध कर फॉर्म वितरण सुनिश्चित किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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