आसनसोल.
ओवरलोडिंग के कारण रेलवे रेक पुशबैक (वापस भेजे जाने) होने से इसीएल को 10 लाख रुपये का डैमरेज-चार्ज रेलवे को चुकाना पड़ा. इसीएल बंकोला एरिया के दो नंबर रेलवे साइडिंग से कोयला लेकर असम के लिए 19 नवंबर को रेक निकला, दुबराजपुर में कांटा होने पर ओवरलोड का मामला सामने आते ही रेलवे ने रेक को पुशबैक कर दिया. जिसके बाद 21 नवंबर को यह रेक फिर बंकोला दो नंबर रेलवे साइडिंग में आकर लग गया. यहां ओवरलोड को कम करने और नये सिरे से कोयला लादने में दो दिनों तक रेक रुका रहा. रेलवे के नियमों के अनुसार अतिरिक्त समय तक रेलवे रेक रोकने के लिए प्रति घंटा के हिसाब से डैमरेज चार्ज होता है. जिसके आधार पर 10 लाख रुपये का डैमरेज चार्ज रेलवे ने किया. रेलवे के अनुसार यह एक सामान्य प्रक्रिया है. बंकोला क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह एरिया के लिए यह विरल मामला है. गौरतलब है कि 19 नवंबर 2025 को बंकोला एरिया में दो नंबर रेलवे साइडिंग कोयला लेकर एक रेक लंका (असम) के लिए निकला. यह रेक 21 नवंबर को फिर वापस बंकोला दो नंबर रेलवे साइडिंग में आकर लग गया. रेलवे के दुबराजपुर में कांटा होने के बाद ओवरलोड का मामला प्रकाश में आते ही रेक को पुशबैक किया गया. ओवरलोड के मामले में रेक के वैगन से कोयला निकाला जाता है, यहां कोयला लोड करने का वीडियो सामने आया. जिसके बाद भाजपा जिला कमेटी के सदस्य अभिजीत राय ने आरोप लगाया कि रेक से जो कोयला असम के लिए निकला था, वह कहीं खाली किया गया और नये सिरे से साइडिंग में लाकर कोयला लोड किया जा रहा है.इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग करते हुए पीएमओ ग्रीवांस सेल, सीबीआइ, कोयला मंत्रालय के विभिन्न विभागों में शिकायत दर्ज करायी. इसपर रेलवे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ओवरलोड रेक को ठीक करना भारतीय रेल की रूटीन प्रैक्टिस है. बंकोला दो नंबर रेलवे साइडिंग से असम के लिए जो रेक निकला था, ओवरलोडिंग के कारण पुशबैक किया गया. घटना में कोयला चोरी से कोई लिंक नहीं है, आरोप बेबुनियाद है. ओवरलोड में वैगन से कोयला निकालने के बजाय लोड करने पर इसीएल का कहना था कि कुछ रेक में कोयला के साथ सेल (पत्थर कोयला) भी लोड हो गया था. शिकायत मिलने पर उसे अनलोड करके फ्रेश कोयला लोड किया गया.
रेक अतिरिक्त समय रोकने पर रेलवे में ऐसे व इतना लगता है जुर्माना
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डैमरेज शुल्क निर्धारित फ्री टाइम के बाद ही लगता है. फ्री टाइम के बाद छह घंटे तक एक वैगन के लिए 150 रुपये बेस रेट प्रति घंटा के हिसाब से शुल्क लगता है. छह से 12 घंटे तक रोकने पर बेस रेट पर 10 फीसदी अधिक, 12 से 24 घंटे तक रोकने पर बेस रेट पर 25 फीसदी अधिक, 24 से 48 तक रोकने पर बेस रेत पर 50 फीसदी अधिक, 48 से 72 घंटे रोकने पर बेस रेत का दोगुना और 72 घंटे से अधिक रोकने पर तिगुना शुल्क वसूलने का प्रावधान है. एक रेक में 58 वैगन तक होता है, प्रति वैगन, प्रति घंटा के हिसाब से जोड़कर रेक पर शुल्क लगता है. बंकोला एरिया में रेक पुशबैक के मामले में समय और वैगन जोड़ कर रेक पर इसीएल को 10 लाख रुपये डैमरेज चार्ज किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

