दुर्गापुर.
भारत निर्वाचन आयोग(इसीआइ) ने बूथ लेवल अफसर(बीएलओ) समूह को निर्धारित समय के अंदर एसआइआर का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है. कथित तौर पर काम के भारी दबाव से बांकुड़ा के कमल कुमार विश्वास नामक बीएलओ को हार्ट अटैक आ गया. उन्हें गंभीर हालत में दुर्गापुर के विधाननगर स्थित मिशन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. घटना को लेकर परिजनों ने आयोग पर अत्यधिक दबाव देने का आरोप लगाया. इस लेकर जिले में सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है.बीएलओ समूह में असंतोष
पेशे से शिक्षक कमल कुमार विश्वास बांकुड़ा के बरजोड़ा के मध्यमाना इलाके के निवासी हैं. वह इलाके के 50 नंबर पार्ट में कार्यरत हैं और एसआईआर के इंचार्ज भी हैं. पत्नी दीपाली विश्वास ने कहा कि वह देर रात तक फॉर्म भरने का काम कर रहे थे. लगातार दबाव के कारण उन्हें अचानक हार्ट अटैक आया और वह बेहोश हो गए. सोमवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बुधवार को उनकी हार्ट सर्जरी हुई और फिलहाल हालत स्थिर है. अस्पताल पहुंचे बांकुड़ा दक्षिण सर्कल के बीएलओ शिक्षक प्रलय नायक ने कहा कि छह माह के काम को एक माह में पूरा करने का दबाव बनाया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में फॉर्म वितरण व संग्रह के बाद ऑनलाइन फॉर्म भरने में भी समस्याएं आ रही हैं. इसके चलते राज्य में कई बीएलओ की मौत हो गयी है और कई अस्वस्थ हैं. शिकायतों के बाद भी आयोग कोई पहल नहीं कर रहा है.राजनीतिक बयानबाजी तेज
मंत्री प्रदीप मजूमदार ने कहा कि कमल विश्वास की स्थिति अधिक काम और आयोग के दबाव का नतीजा है. आरोप लगाया कि दूसरे कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों को भी एसआइआर का काम करने पर मजबूर किया जा रहा है. चुनाव आयोग पहले 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक की समय सीमा तय कर चुका था, जिसे अब कम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में काम कराना ठीक नहीं है. वहीं, दुर्गापुर-बिष्णुपुर के भाजपा सांसद सौमित्र खां ने कहा कि किसी के बीमार पड़ने के लिए आयोग को जिम्मेदार बताना अनुचित है. कहा कि तृणमूल सरकार हर मौत को नौकरी से जोड़ देती है, जबकि बीमार पड़ने की अलग-अलग वजहें हो सकती हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

