सालानपुर बीडीओ कार्यालय में हुई बैठक, जिसमें मौजूद रहे पुलिस, प्रशासन, ट्रैफिक विभाग, जनप्रतिनिधि व इसीएल के अफसर इस निर्णय से इसीएल को हो सकता है भारी नुकसान, सालानपुर एरिया का साइडिंग है बनजेमारी में, 600 डंपर तक कोयला प्रतिदिन आने का लक्ष्य
आसनसोल/रूपनारायणपुर. आसनसोल-चित्तरंजन मुख्य मार्ग पर देंदुआ इलाके में आये दिन लगने वाले जाम के मसले के लिए मुख्यरूप से इसीएल को जिम्मेदार मानते हुए इसके हल की दिशा में बड़ा निर्णय हुआ. बुधवार को सालानपुर प्रखंड के बीडीओ देबांजन विश्वास की अध्यक्षता मौजूदगी में हुई बैठक में यह तय हुआ कि इसीएल और स्थानीय उद्योगों के वाहनों के लिए आसनसोल-चित्तरंजन मुख्य मार्ग पर सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक के लिए नो एंट्री रहेगी. आगामी सात दिनों तक के बाद से यह प्रस्ताव लागू होगा, जिसे पुलिस कड़ाई से पालन करेगी. इस निर्णय से इसीएल की समस्या बढ़ गयी है. सालानपुर एरिया का रेलवे साइडिंग बनजेमारी में है और विभिन्न कोलियरियों से निकाला गया कोयला इसी साइडिंग में आकर जमा होता है, फिर यहां से उसे विभिन्न जगहों पर भेजा जाता है. यहां तक पहुंचने के लिए इसीएल के डंपरों को आसनसोल चित्तरंजन मुख्य मार्ग का करीब चार किलोमीटर सड़क उपयोग करना पड़ता है. बैठक में इसीएल को बैकल्पिक सड़क बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया. क्योंकि आगामी दिनों में इसीएल का ट्रांसपोर्टिंग बढ़ेगा और इस सड़क का उपयोग नहीं होने से कोयला प्रेषण का कार्य प्रभावित होगा. बैठक में सालानपुर पंचायत समिति के अध्यक्ष कैलाशपति मंडल, उपाध्यक्ष विद्युत मिश्रा, जिला परिषद के कर्माध्यक्ष मोहम्मद अरमान, सालानपुर थाना के प्रभारी अमित कुमार हाती, कुल्टी ट्रैफिक गार्ड के निरीक्षक प्रभारी सौरव चौधरी, इसीएल सालानपुर एरिया के बनजेमारी ग्रुप ऑफ माइन्स के एजेंट दिनेश प्रसाद, देंदुआ ग्राम पंचायत के प्रधान सुप्रकाश माजी, कल्यानेश्वरी पुलिस फांडी के प्रभारी लालटू पाखीरा, तृणमूल नेता मुकुल उपाध्याय, सालानपुर ब्लॉक तृणमूल के उपाध्यक्ष भोला सिंह आदि उपस्थित थे. गौरतलब है आसनसोल चित्तरंजन मुख्यमार्ग पर देंदुआ इलाके में जाम की समस्या विकराल रूप ले चुकी है. यहां नियमित घंटो तक जाम में फंसे रहते हैं. जिसका मुख्य कारण इसीएल का कोयला लेकर आ रही डंपर है. इसीएल सालानपुर एरिया का रेलवे साइडिंग बनजेमारी में है और प्रतिदिन औसतन105 300 से अधिक डंपर कोयला यहां आता है. जो आगामी दिनों में 600 डंपर तक पहुंचने की संभावना है. एनएच-19 होकर यह डंपर आसनसोल चित्तरंजन मुख्य मार्ग होते हुए बनजेमारी रेलवे साइडिंग में जाती है. मुख्य मार्ग से बनजेमारी जाने के लिए हावड़ा दिल्ली रेलवे मेन लाइन का एक रेलवे फाटक को पार करना पड़ता है. यदि फाटक दस मिनट बंद रहा तो डंपरों के कारण सड़क पर लंबी जाम लग जाती है. यह जाम हाल के दिनों में सालानपुर इलाके की सबसे बड़ी समस्या के रूप में सामने आयी है. जिसे लेकर तृणमूल की ओर से एक पत्रकार सम्मेलन भी किया गया था. बुधवार को इसपर बैठक हुई. जिसमें यह प्रस्ताव लिया गया कि इसीएल की वाहनों और स्थानीय उद्योगों के मालवाहक वाहनों के लिए सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक आसनसोल चित्तरंजन मुख्य मार्ग पर नो एंट्री रहेगी. स्थानीय उद्योगों के वाहनों को जरूरी होने पर दिन में कल्यानेश्वरी मंदिर होकर एनएच-19 पर जा सकती है. सात दिनों के बाद इस प्रस्ताव पर अमल होगा और पुलिस को इसपर कड़ाई से निगरानी करने को कहा गया है.इसीएल का है खुद का अपना ट्रांसपोर्टिंग रोड
इसीएल सालानपुर एरिया के बनजेमारी रेलवे साइडिंग तक कोयला लाने के लिए अपना एक ट्रांसपोर्टिंग रोड है. जो मोहनपुर कोलियरी से सीधे बनजेमारी में आती है. इसपर अभी डाबर और मोहनपुर कोलियरी में उत्पादित कोयला ट्रांसपोर्टिंग होता है. सालानपुर एरिया अंतर्गत वर्तमान में कुल छह खदान बनजेमारी, डाबर, मोहनपुर, इटापाड़ा, गौरांडी ए और गौरांडी बेगुनिया है. अंतिम के तीन खदानों का कोयला ही आसनसोल चित्तरंजन मुख्यमार्ग होकर जाता है. इन वाहनों को भी मोहनपुर से सीधे बनजेमारी में लाने से लिये, मोहनपुर में एक कनेटिंग रोड बनाने की जरूरत है. जिससे इस समस्या से हमेशा के लिए इसीएल को छुटकारा मिल जाएगा और ट्रांसपोर्टिंग में कभी कोई बाधा नहीं आएगी. सूत्रों के अनुसार इसीएल इस दिशा में भी सोच विचार कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

