अंडाल.
अंडाल ब्लॉक के उखड़ा गांव में बुधवार को पारंपरिक गोष्ठ उत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर विभिन्न मंदिरों से देवताओं को पालकी में बिठाकर भव्य नगर कीर्तन निकाला गया. पूरा गांव भक्ति संगीत और जयकारों से गूंज उठा.185 वर्ष पुरानी परंपरा
जानकारी के अनुसार, करीब 185 वर्ष पहले उखड़ा गांव के तत्कालीन ज़मींदार शंभूनाथ लाल सिंह हांडे ने इस गोष्ठ यात्रा उत्सव की शुरुआत की थी. वर्तमान पीढ़ी के सदस्य अनुरणलाल सिंह हांडे ने बताया कि यह उत्सव विभिन्न मंदिरों के देवताओं के मिलन का प्रतीक है.
परंपरा के अनुसार, ज़मींदार परिवार के गोपीनाथ जीउ मंदिर से महंतस्थल और गोपाल जीउ मंदिर के देवताओं को आमंत्रित किया जाता है. सभी देवता ज़मींदार के घर स्थित दुर्गा मंदिर और चांदनीबाड़ी मंदिर में एकत्रित होते हैं. शाम को मंदिर से स्कूल चौराहे तक रंगारंग जुलूस और नगर कीर्तन निकाला गया, जिसमें देवताओं को सुसज्जित पालकियों में ले जाया गया.धार्मिक उत्साह में डूबा रहा गांव
कार्यक्रम के अंत में सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को उनके संबंधित मंदिरों में वापस ले जाया गया. पूरे दिन गांव में श्रद्धा और उल्लास का वातावरण बना रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

