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सड़क निर्माण का कार्य किया गया स्थगित डीएम एस पोन्नमबलम ने कहा होगी जांच

बाराबनी प्रखंड के गौरांडी बाजार से सालानपुर प्रखंड के रूपनारायणपुर बागची मोड़ तक 9.150 किलोमीटर की सड़क निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग करने के मुद्दे को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया.

आसनसोल/रूपनारायणपुर.

बाराबनी प्रखंड के गौरांडी बाजार से सालानपुर प्रखंड के रूपनारायणपुर बागची मोड़ तक 9.150 किलोमीटर की सड़क निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग करने के मुद्दे को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया. सड़क निर्माण होने के दो दिन बाद कुसुमकनाली इलाके में लोगों ने हाथ से कुरेदकर पीच सड़क को उखाड़कर उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाये. जिसके बाद से ही लोगों में इसे लेकर काफी रोष हैं. भाजपा नेता अभिजीत राय ने कटमनी का आरोप लगाया. सालानपुर ब्लॉक के तृणमूल अध्यक्ष सह पश्चिम बर्दवान जिला परिषद के कर्माध्यक्ष मोहम्मद अरमान ने कहा कि सड़क निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग करने की शिकायत मिलने के बाद गुरुवार से काम स्थगित कर दिया गया है. वेस्ट बंगाल स्टेट रूरल डेवलपमेंट एजेंसी (डब्ल्यूबीएसआरडीए) के अभियंता देखें कि सड़क में उपयोग सामग्री की गुणवत्ता और निविदा के शर्तो के आधार पर निर्माण हो रहा है या नहीं, इसकी जांच करने के बाद ही आगे का कार्य होगा. ठेकेदार ने बताया कि कच्ची सड़क को लोगों ने कुरेदकर उखाड़ दिया, कुछ दिनों में ही सड़क मजबूत हो जायेगी. गौरतलब है पश्चिम बंग ग्रामीण सड़क योजना के तहत ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआइडीएफ) से प्राप राशि 5,32,01,400 रुपये की लागत से उक्त सड़क का निर्माण हो रहा है. गत 26 फरवरी को इस कार्य की शुरुआत हुई और एक साल में काम पूरा करना है. बारिश के कारण काम काफी दिनों तक बंद था, बारिश के कुछ दिनों पहले पुनः काम शुरू हुआ. बुधवार को कुसुमकनाली इलाके में स्थानीय कुछ लोगों ने सड़क की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर दिया. हाथों से कुरेदकर सड़क उखाड़ दिया, सड़क पर पैर से घिसने पर गिट्टी उखड़ जा रही थी. यह देख लोगों में नाराजगी बढ़ गयी और विरोध शुरू किया. जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम ने कहा कि इस मामले की जांच की जायेगी.

काम पूरा होने के बाद पांच साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ठेकेदार की

सड़क को लेकर जारी निविदा की शर्तों के अनुसार सड़क निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद पांच वर्षों तक इसके मेंटेनेंस का दायित्व ठेकेदार का है. सभी सड़कों की निविदा में लगभग यही शर्तें रहती है. कहीं तीन साल तो कहीं पांच साल तक मेंटेनेंस का दायित्व ठेकेदार का रहता हैं. इसके बावजूद भी लगभग सभी सड़कों की हालत जर्जर रहती है. काम पूरा होने के बाद ठेकेदार ने सड़क का मेंटेनेंस किया या नहीं किया? यह कोई नहीं देखता और इसकी शिकायत भी कोई नहीं करता है. इसके लिए ठेकेदार की कुछ राशि तय वर्षों तक ठेका जारी करने वाली एजेंसी के पास जमा रहती है. जो उसे बाद में मिल जाती है. हर वारंटी में कई शर्तें रहती हैं. उक्त सड़क जो बन रहा है, उसकी अधिकतम क्षमता 10 टन वाहन की है. इसपर 60 टन तक वाहन चलते हैं. ऐसे में पांच साल की वारंटी की शर्त कितनी कारगर रहेगी यह सवाल रह जाता है.

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