बोलपुर.
बीरभूम जिले के बोलपुर थाने के आइसी लिटन हालदार और तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल के बीच हुए अशालीन संवाद ने नया मोड़ ले लिया है. जहां अनुब्रत मंडल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर पुलिस जांच शुरू कर चुकी है, वहीं अब खुद थाना प्रभारी लिटन हालदार भी जांच के घेरे में आ गये हैं. उन पर बालू माफिया से संबंध और जबरन वसूली के आरोप लगे हैं. बीरभूम एसपी अमनदीप ने पुष्टि की है कि दोनों पक्षों से जुड़े मामलों में विभागीय जांच शुरू कर दी गयी है. लिटन हालदार को लेकर बोलपुर नागरिक मंच ने भी हाल ही में थाना घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया था. मंच ने आरोप लगाया कि थाना के हर काम के लिए पैसे वसूले जाते हैं और आइसी के बालू माफियाओं से सीधे संबंध हैं.अनुब्रत मंडल ने मेडिकल सर्टिफिकेट दिया, लेकिन उठे सवाल
उधर तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल को बोलपुर एसडीपीओ कार्यालय द्वारा गत शनिवार, रविवार और सोमवार को पेश होने के लिये नोटिस भेजा गया था. लेकिन उन्होंने अस्वस्थ होने का हवाला देते हुए एक मेडिकल सर्टिफिकेट जमा कर दिया. इस सर्टिफिकेट की प्रामाणिकता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. बताया जा रहा है कि चिकित्सकों ने उन्हें पांच दिन आराम की सलाह दी है. हालांकि अनुब्रत ने अब तक न तो सिउड़ी जिला अदालत और न ही कलकत्ता हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए कोई याचिका दाखिल की है, जिससे उनके इरादों पर भी चर्चा हो रही है.ऑडियो क्लिप लीक पर भी जांच
इस पूरे विवाद में एक और अहम पहलू सामने आया है. थाना आईसी और अनुब्रत मंडल के बीच कथित अशालीन बातचीत का ऑडियो भाजपा के पास कैसे पहुंचा, इसे लेकर भी विभागीय जांच की जा रही है. विभाग यह पता लगाने में जुटा है कि बातचीत किसने रिकॉर्ड की और किस माध्यम से यह लीक हुई.लिटन हालदार दो वर्ष पहले सीआइडी से स्थानांतरित होकर बोलपुर थाने के आइसी बने थे. अब उन पर लगे गंभीर आरोपों और अनुब्रत मंडल के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस दोनों पर सवाल उठ रहे हैं. आने वाले दिनों में यह मामला और भी राजनीतिक तूल पकड़ सकता है.
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