आसनसोल.
वित्तीय निवेश के नाम पर लोगों को अपने झांसे में लेकर कथित तौर पर 350 करोड़ रुपये की ठगी को लेकर चल रही जांच के मामले में नया मोड़ आया. बुधवार को यह मामला आसनसोल नॉर्थ थाना के पास से राज्य के आर्थिक अपराध निदेशालय (डीइओ) को ट्रांसफर कर दिया गया. इस मामले से जुड़ा सारे डॉक्युमेंट्स, केस डायरी आदि सबकुछ बुधवार को डीइओ के पास भेज दिया गया. अब से मामले की जांच डीइओ के अधिकारी करेंगे. कमिश्नरेट में यह अपने किस्म का पहला मामला है, जिसकी जांच डीइओ को सौंपा गया है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीइओ के पास इस मामले की जांच को लेकर दक्ष टीम व अन्य संसाधन मौजूद है, जिससे इस मामले की जांच बेहतर तरीके से हो पायेगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा. गौरतलब है कि आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के जहांगीरी मोहल्ला इलाके का निवासी तहसीन अहमद पिछले चार वर्षों से अपने इलाके में चिटफंड कंपनी चला रहा था. निवेश की गयी राशि पर लोगों को 15 से 20 फीसदी तक प्रतिमाह ब्याज देने का झांसा देकर हजारों लोगों को उसने अपने जाल में फंसाया. एक के पैसे से दूसरे को, दूसरे के पैसे को तीसरे को देकर यह धंधा चलता था. काफी लोगों ने इस धंधे में पैसे लगाकर कमाया भी. जब निवेश कम होने लगा और देनदारी बढ़ने लगी, तब यह धंधा बैठ गया और फरवरी 2025 से लोगों को ब्याज का पैसा मिलना बंद हो गया. आखिरकार 18 अक्तूबर को एक पीड़ित महिला ने तहसीन, उसके पिता शकील अहमद और भाई मोहसीन अहमद को आरोपी बनाकर आसनसोल नॉर्थ थाने में शिकायत की. जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज हुई. 25 अक्तूबर को आरोपी तहसीन को पुलिस ने गिरफ्तार किया और उसके पास से भारी मात्रा में सोने, चांदी व हीरे के जेवरात बरामद किये. उसके पिता और भाई अब भी फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है.10 दिनों की पुलिस रिमांड में निकली एक एसयूवी कार, नकद का नहीं लगा पता
26 अक्तूबर को पुलिस ने तहसीन को आसनसोल अदालत में पेश किया. जांच अधिकारी ने 14 दिनों की पुलिस रिमांड की अपील की, अदालत ने दस दिनों की रिमांड मंजूर की. दस दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने पर बुधवार को उसे अदालत में पेश किया गया, जहां उसकी जमानत की अर्जी खारिज हुई और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार जांच के क्रम में पता चला कि इस पैसे से उसने एक एसयूवी कार ली है, जिसे पुलिस ने जब्त किया है. लोगों से लिये गये पैसों का उसने क्या किया? इसकी पुख्ता जानकारी पुलिस को नहीं दी. उसका कहना था कि लोगों का पैसा लोगों को ही लौटाया गया. कुछ पैसे उसने खर्च किये हैं. तहसीन ने कितने लोगों से कितने पैसों की ठगी की है? इसका अबतक सही आंकड़ा सामने नहीं आया है. पुलिस इसकी जांच कर रही थी. इस बीच यह मामला डीइओ को ट्रांसफर हो गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

