आसनसोल/जामुड़िया.
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर पूरे पश्चिम बंगाल में चल रही घमासान के बीच बुधवार को पश्चिम बर्दवान जिला के जामुड़िया विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरेराम सिंह का उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में नाम को लेकर विपक्षी पार्टी तृणमूल पर हमलावर हो गयी हैं. आसनसोल साउथ की विधायक व भाजपा की प्रदेश सचिव अग्निमित्रा पाल ने अपना वीडियो मैसेज जारी कर कहा कि यह हरेरम सिंह की गलती नहीं, यह तृणमूल पार्टी की गलती है. यह एक ऐसी पार्टी है, जिसका कोई नीति व आदर्श नहीं है. 2011 साल के बाद से राज्य में जितने भी चुनाव हुए हैं, तृणमूल इसी प्रकार के फर्जी मतदाताओं के वोटों से जीतती आ रही है. जामुड़िया के विधायक हरेरम सिंह ने कहा कि यह देखना चुनाव आयोग का काम है कि कहीं किसी मतदाता का नाम दो या उससे अधिक जगहों पर है या नहीं. वह हमेशा से पांडवेश्वर क्षेत्र के वोटर रहे हैं और यहीं वोट डालते हैं. गौरतलब है कि एसआइआर को लेकर पूरे राज्य में तनाव का माहौल बना हुआ है. भाजपा और तृणमूल इस मुद्दे को लेकर आमने-सामने है, ऐसे में जामुड़िया के विधायक हरेराम सिंह का उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों के मतदाता सूची में नाम होने का एक फोटो वायरल होने के बाद से बहस छिड़ गया है.उत्तरप्रदेश के बांसडीह विधानसभा क्षेत्र की वोटरलिस्ट में है हरेराम सिंह का नाम
विधायक श्री सिंह उत्तरप्रदेश में 362 बांसडीह विधानसभा क्षेत्र के भी कथित तौर पर मतदाता है. जो सूची वायरल हुई है उसमें श्री सिंह का नाम-हरेराम, जेंडर-मेल, पिता का नाम राधे, उम्र 71, एसेंबली-362 बांसडीह, पार्लियामेंट्री-सलेमपुर, जिला-बलिया, राज्य उत्तर प्रदेश, पार्ट नंबर 19, पार्ट नेम कन्या पीवी मणियार, नॉर्थ, सीरियल नंबर 88, इपिक नंबर एपीडी0461244 है. दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में उनका नाम-हरेराम सिंह, उम्र-70, जेंडर-मेल, पिता-राधे सिंह, एसेंबली- 275 पांडवेश्वर, पार्लियामेंट्री-आसनसोल, जिला-पश्चिम बर्धमान, राज्य-पश्चिम बंगाल, पार्ट नंबर-91, पार्ट नेम- बहुला एफपी स्कूल, सीरियल नंबर-646, इपिक नंबर डब्ल्यूबी/38/263/366114 है.
विधायक होकर एकसाथ दो जगहों पर मतदाता सूची में नाम को लेकर भाजपा हमलावर
भाजपा प्रदेश कमेटी के सदस्य कृष्णेंदु मुखर्जी ने कहा कि एक विधायक होने के नाते हरेराम सिंह कैसे और किस तरह एक साथ दो राज्यों के वोटर बनकर रह रहे हैं. उन्होंने अपना एक वोटर कार्ड रद्द क्यों नहीं करवाया. जब से बंगाल में एसआइआर लागू करने की तैयारियां शुरू हुई, तब से तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी से लेकर उनके तमाम छोटे बड़े नेता इसका विरोध कर रहे हैं और राज्य की जनता के मन में इसे लेकर गलत चीजें डाल रहे हैं. जबकि एसआइआर लागू होने से राज्य की जनता के साथ इस देश को लाभ होगा. यहां अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी, रोहंगियों व अन्य दूसरे देशों के नागरिकों का सफाया हो जायेगा. जाली वोटर हट जायेंगे. यह मामला सिर्फ जामुड़िया विधायक के अकेले का नहीं है, इस तरह के वोटर भारी तादाद में राज्य में मौजूद है. यह तृणमूल की रणनीति है, ऐसे ही वोटरों के बल पर वह चुनाव जीतने का काम करती है. तृणमूल इसी लिए एसआइआर का विरोध कर रही है, पर एसआइआर हो कर रहेगा, चाहे कोई कितना भी डर दिखा ले.
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