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बुधवार को भी दंडित नहीं हुए दोषी, काकोली को सजा में चाहिए ढील

पूर्व बर्दवान जिले के बर्दवान तृणमूल कांग्रेस में गुटीय झड़प के मामले में सोमवार को दोषी ठहराये गये 13 पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को बुधवार को भी अदालत में सजा नहीं सुनायी गयी. सजा फिर टल गयी.

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बर्दवान/पानागढ़.

पूर्व बर्दवान जिले के बर्दवान तृणमूल कांग्रेस में गुटीय झड़प के मामले में सोमवार को दोषी ठहराये गये 13 पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को बुधवार को भी अदालत में सजा नहीं सुनायी गयी. सजा फिर टल गयी. मंगलवार को ही मामले में सजा सुनाई जानी थी, पर उसके पहले महिला तृणमूल नेता काकोली गुप्त ता समेत चार दोषी बीमार पड़ गये. फिर शाम होते-होते मामले की सुनवाई करनेवाले फास्ट ट्रैक सेकेंड कोर्ट के जज अरविंद मिश्र का झाड़ग्राम कोर्ट में तबादला कर दिया गया. इसे लेकर राज्य के सियासी गलियारे में चर्चा होने लगी.

बुधवार को सजा की घोषणा होनी थी, पर आज जब अदालत में लोग जुटे, तो मामले की सुनवाई फिर स्थगित कर दी गयी. बाद में मामले के सरकारी वकील हरिदास मुखर्जी ने बताया कि बचाव पक्ष के वकील ने केस से संबंधित सेक्शन को लेकर उपयुक्त जानकारी मांगी. इस पर जज ने कहा कि आपको जो जानकारी चाहिए, उसे साफ-साफ लिख कर कोर्ट को दीजिए. दूसरी ओर, मामले की एक दोषी काकोली गुप्त ता को छोड़ कर बाकी 12 गुनहगारों को बुधवार को बर्दवान अदालत में पेश किया गया. काकोली का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कोर्ट में दर्ज किया गया है. काकोली को कैंसर है. जज के समक्ष वीसी के जरिये उनका बयान दर्ज किया गया है. तीन अन्य दोषियों के बयान भी जज के समक्ष दर्ज किये गये हैं. सरकारी वकील के मुताबिक बाकी दोषियों के बयान जज के समक्ष लेने में अभी समय लगेगा. गुरुवार को अन्य दोषियों के बयान लिये जायेंगे.

बचाव पक्ष के वकील विश्वजीत दास ने काकोली गुप्त ता की समस्त मेडिकल रिपोर्ट जज के समक्ष पेश की और जेल मैनुअल के निर्धारित खंड 363 से महिला कैदियों को विशेष प्रावधान के तहत अपनी कैंसरग्रस्त मुवक्किल को प्रोबेशन के तहत सजा में रियायत की अर्जी दी. बाद में वकील विश्वजीत दास ने बताया कि जेल मैनुअल 363 के तहत सिर्फ काकोली गुप्त ता की शारीरिक स्थिति को देखते हुए अदालत से सजा में रियायत की गुहार लगायी. जज से अपील की है कि काकोली को जेल में रखने के बजाय प्रोबेशन में रखा जाये. इससे पहले बुधवार को भी सजा के संभावित ऐलान को देखते हुए बर्दवान अदालत में सुबह से भारी संख्या में तृणमूल नेता व कार्यकर्ता जुट गये थे.

मालूम रहे कि वर्ष 2017 में बर्दवान सदर थाना क्षेत्र के नाड़ीग्राम दासपाड़ा में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों में हिंसक झड़प हुई थी. घटना में तत्कालीन पंचायत सदस्य जीवन पाल की एक आंख चली गयी थी. अगले दिन उनकी पत्नी संध्या रानी पाल की शिकायत पर बर्दवान थाने में महिला तृणमूल नेता काकोली गुप्त ता समेत 15 पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. मामले पर कई वर्ष चली लंबी सुनवाई के बाद फास्ट ट्रैक सेकेंड कोर्ट के जज अरिंदम मिश्र ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए 13 नेताओं व कार्यकर्ताओं को दोषी करार दिया, जबकि साक्ष्यों के अभाव में दो आरोपियों को मामले से बरी कर दिया. सजा सुनाने का फैसला जज ने सुरक्षित कर लिया था. मंगलवार को सजा सुनायी जानी थी.

दोषी ठहराये गये लोगों में बर्दवान महिला तृणमूल नेता और बर्दवान उन्नयन संस्था की चेयरपर्सन एवं बर्दवान एक तृणमूल कांग्रेस की सभानेता काकोली गुप्त ता, तृणमूल युवा नेता व पंचायत कर्माध्यक्ष मानस भट्टाचार्य, तृणमूल नेता शेख जमाल, कार्तिक बाग समेत नौ पार्टी नेता व कार्यकर्ता शामिल हैं. बुधवार को भी बर्दवान अदालत के बाहर भारी संख्या में तृणमूल के लोग जुटे थे. पुलिस की भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी.

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