आसनसोल.
13 अक्तूबर 2025 से 03 नवंबर, 22 दिनों तक साइबर अपराधियों ने नलिनी बिहारी मंडल (70) को डिजिटल अरेस्ट में रखकर पांच लाख रुपये लूट लिये. श्री मंडल इस कदर डरे हुए थे कि 22 दिनों तक किसी से कुछ भी नहीं कहा. अपराधियों ने जब देखा कि श्री मंडल के पास से पैसे निकालना संभव नहीं है, तब उन्हें छोड़ दिया. श्री मंडल को बाद में समझ आया कि वह साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे थे. सात नवंबर को उन्होंने इसकी शिकायत एनसीआरपी में और आसनसोल साइबर क्राइम थाना में भी आकर दर्ज करायी. जिसके आधार पर कांड संख्या 71/25 में बीएनएस की धारा 308(6)/316(2)/318(4)/319(2)/336(3)/338/340(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. हीरापुर थाना इलाके के निवासी श्री मंडल ने अपनी शिकायत में बताया कि 13 अक्तूबर 2025 को उन्हें 9104306628 नंबर से वीडियो कॉल आया. कॉल करने वाला व्यक्ति दिल्ली पुलिस में तीन स्टार रैंक का अधिकारी था. उसने आरोप लगाया कि उनके आधार कार्ड का उपयोग करके सिमकार्ड लिया गया और बैंक खाता खोला गया है. उस खाते से 6.8 करोड़ रुपये टेरर फंडिंग के लिए ट्रांसफर किया गया है. कॉल करने वाले ने आरबीआइ के लेटरहेड पर जारी एक नोटिस की प्रति भेजी, जिसमें गिरफ्तारी, संपत्ति जब्त करने और पेंशन बंद करने की बात लिखी हुई थी. इस मामले को फिलहाल राष्ट्रहित में गोपनीय रखने का आदेश दिया गया. वे लोग लगातार वीडियो कॉल में बने रहे. आपराधिक मुकदमे के डर से श्री मंडल ने उनलोगों को आरटीजीएस के माध्यम से पांच लाख रुपये का भुगतान 28 अक्तूबर को किया. तीन नवंबर तक लगातार उनपर वीडियो कॉल पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाये रखा गया. जब और पैसे नहीं मिले तब उन्हें छोड़ दिया गया. पूरे मामले की शिकायत उन्होंने थाने में की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

