36.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

काशीपुर पंचकोट राजवंश की 2000 वर्ष पुरानी दुर्गापूजा शुरू, अष्टमी के दिन मिलते हैं माता के पैरों के निशान

Durga Puja 2022: काशीपुर पंचकोट राजवंश की दुर्गापूजा की खास बात यह है कि 9 दिन की जगह 16 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है.अपने अस्तित्व की जानकारी देने के लिए अष्टमी के दिन मां दुर्गा अपनी चरण छाप छोड़ जाती है.

Durga Puja 2022: काशीपुर पंचकोट राजवंश की दुर्गा पूजा सोमवार कृष्ण नवमी के दिन से शुरू हो गयी. शाही रिवाज के अनुसार, इस दिन से काशीपुर देवी बाड़ी के मंदिर में दुर्गा पूजा शुरू होती है. यह लगभग 2000 वर्ष पुरानी है. यहां राजराजेश्वरी के रूप में मां की आराधना की जाती है. अष्ट धातु से बनी मां दुर्गा की प्रतिमा चार भुजाओं वाली है. यह पूजा काफी प्रसिद्ध मानी जाती है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा का हिस्सा बनने आते हैं.

16 दिनों तक होती है मां दुर्गा की पूजा 

काशीपुर पंचकोट राजवंश की दुर्गापूजा की खास बात यह है कि 9 दिन की जगह 16 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है. राजवंश के वंशजों का कहना है कि क्षत्रिय होने के नाते इष्ट देव प्रभु राम के दुर्गापूजा के नियमों के तहत यहां 16 दिन तक पूजा होती है, क्योंकि रावण वध के लिए श्रीराम ने 16 दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की थी. इसलिए पूजा को सोलहकल्प पूजा भी कहा जाता है. 16वें कल्प के सोलह स्वरूप में माता की पूजा होती है. राजपुरोहित गौतम चक्रवर्ती ने कहा कि पंचकोट राजवंश के मंदिर में मां साल भर रहती हैं. यहां आज भी बलि प्रथा है.

अष्टमी के दिन मिलता है माता के पैरों का निशान

अष्टमी के दिन विशेष श्रीनाद मंत्र का पाठ किया जाता है, यह अति गोपनीय होता है. बताया जाता है कि देवी मंदिर में मां राजराजेश्वरी के पैरों के निशान मिलते हैं. यह भले ही अविश्वनीय लग रहा है, लेकिन लोग आज भी पैरों के निशान देखते हैं. राजवंश के सोमेश्वरलाल सिंहदेव ने कहा कि इस राजवंश की पूजा लगभग दो हजार साल पुरानी है. विक्रमादित्य के वंशज महाराजा जगतदल सिंहदेव के उत्तराधिकारी दामोदर शेखर सिंहदेव बहादुर के सबसे छोटे पुत्र ने चटला पंचकोट राज की स्थापना की थी. उन्होंने अपने इष्ट देवता की पूजा शुरू की. राजा कल्याण शेखर सिंहदेव को इष्ट देवता ने सपने में कहा कि राजराजेश्वरी के रूप में यहां प्रतिष्ठित होंगी. अपने अस्तित्व की जानकारी देने के लिए अष्टमी के दिन अपना चरण छाप छोड़ जाऊंगी. इस पूजा में लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं.

रिपोर्ट : हंसराज सिंह

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें