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जामुड़िया में दूषित पानी से डायरिया का प्रकोप

आतंक. डायरिया फैलने से लोगों में भय, अब तक मिल रहा केवल आश्वासन

स्वास्थ्य विभाग पर लग रहा लापरवाही का आरोप

जामुड़िया. आसनसोल नगर निगम के अंतर्गत जामुड़िया बोरो नंबर एक के वार्ड नंबर सात के आदिवासी बहुल क्षेत्र हुबडुबी में दूषित पेयजल के कारण डायरिया का गंभीर प्रकोप फैल गया है. गांव के अधिकांश परिवारों में एक या दो सदस्य इस बीमारी से पीड़ित हैं. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है.

स्वास्थ्य विभाग से मदद न मिलने का आरोप, ग्रामीण परेशान

ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार स्थानीय ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और आसपास के निजी स्वास्थ्य केंद्रों से मदद की गुहार लगाने के बावजूद अब तक किसी मेडिकल टीम ने गांव का दौरा नहीं किया है. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

गांव में पानी की समस्या बनी बड़ी चुनौती

हुबडुबी गांव में लगभग 60 से 70 परिवार रहते हैं. हालांकि, यह गांव इकड़ा औद्योगिक क्षेत्र के बिल्कुल पास स्थित है, लेकिन यहां अब तक पीने के पानी की कोई व्यवस्थित आपूर्ति नहीं की गयी है. ग्रामीणों को पीने का पानी गांव के आखिरी छोर और बीच में स्थित एकमात्र ट्यूबवेल से मिल रहा है. वहीं, अन्य दैनिक कामों के लिए वे पास की बंद कोयला खदान से दूषित पानी का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.

सिंगारन नदी का पानी भी प्रदूषित

पास की सिंगारन नदी का पानी कारखानों के वर्ज्य पदार्थों के कारण अब पीने योग्य नहीं रह गया है. हालांकि, कुछ लोग इसे कपड़े धोने और नहाने के लिए उपयोग करते हैं. इस दूषित जल के उपयोग के कारण गांव के अधिकांश घरों के सदस्य डायरिया से प्रभावित हो चुके हैं.

जांच का आश्वासन

स्वास्थ्य विभाग के मेयर परिषद सदस्य दिब्येंदु भगत ने इस मामले की जानकारी होने से इनकार किया है, हालांकि उन्होंने जांच कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि वे वार्ड पार्षदों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और जल्द ही मेडिकल टीम भेजी जायेगी. उन्होंने दावा किया कि उस क्षेत्र में पानी की कोई समस्या नहीं है.

ग्रामीणों के लिए यह संकट गहरा संकट बना हुआ है: इस गंभीर स्थिति के बावजूद, ग्रामीणों को यह देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग कब तक इस समस्या का समाधान करेगा और उन्हें स्वस्थ जीवन जीने का अवसर मिलेगा. इस संकट के बीच स्वास्थ्य विभाग की कथित बेरुखी और जमीनी हकीकत के विरोधाभास ने ग्रामीणों के मन में चिंता की लकीरें पैदा कर दी हैं.

डायरिया से पीड़ित कई ग्रामीण इलाज के लिए अस्पताल में हुए भर्ती

वर्तमान में डायरिया से पीड़ित चार ग्रामीण अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, जबकि लगभग बीस से बाईस अन्य लोग, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं, इस बीमारी से जूझ रहे हैं. कुछ ग्रामीण इलाज करवाकर घर लौट चुके हैं, वहीं कुछ का इलाज घर पर ही सलाइन चढ़ाकर किया जा रहा है.

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