फिर जिलाधिकारी को दिया गया 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन बांकुड़ा. भारतीय आदिवासी भूमिज समिति की जिला कमेटी के आह्वान पर यहां सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया गया. फिर जिलाधिकारी सियाद एन को 10 सूत्री मांगों पर एक ज्ञापन सौंपा गया. मुख्य मांगों में चुआर विद्रोह के इतिहास को मिटाने, भूमिज भाषा को बंगाल की दूसरी राजभाषा के रूप में मान्यता देना, भूमिज राष्ट्र के पवित्र स्थानों जाहेर थान और हरशाली का संरक्षण, भूमिज जनजाति के नामवाले फर्जी प्रमाण-पत्रों पर रोक लगाना आदि शामिल है. विरोध प्रदर्शन के बाद भारतीय आदिवासी भूमिज , जिला कमिटी के प्रतिनिधियों ने डीएम को अपना ज्ञापन सौंपा. इससे पहले आदिवासी संगठन के सदस्य जुलूस की शक्ल में डीएम कार्यालय तक पहुंचे, जहां उन्हें गेट के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों ने रोक दिया. डीएम कार्यालय के अंदर नहीं जा पाने से नाराज आदिवासियों ने चौराहे को जाम कर दिया. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप और आश्वासन के बाद स्थिति सामान्य हुई. मौके पर आदिवासी संगठन के केंद्रीय कमेटी के अध्यक्ष तपन कुमार सरदार ने कहा कि जुलूस को पुलिसवालों ने अमानवीय ढंग से रोका. कोई नियम-कानून नहीं तोड़ा जा रहा था, आदिवासी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, फिर भी पुलिसवालों ने उनके प्रतिनिधियों को रोका. आदिवासी चाहते हैं कि भूमिज भाषा को द्वितीय राजभाषा की स्वीकृत दी जाये, महानायक गंगानाथ राय एवं रघुनाथ सिंह की जयंती पर साधारण छुट्टी घोषित करने समेत दस सूत्री मांगें की गयी हैं.
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