दुर्गापुर.
सूर्य उपासना और लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ मंगलवार की सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ संपन्न हुआ. 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद व्रतियों ने भोर में झंडा बाग, माया बाजार, डीटीपीएस, कुमार मंगलम पार्क, एडिशन पार्क समेत शहर के विभिन्न तालाबों और जलाशयों के घाटों पर पूजा-अर्चना की. सूर्योदय होते ही सभी व्रतियों ने अर्घ्य देकर उपवास तोड़ा.राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति से बढ़ा आयोजन का महत्व
छठ पर्व के दौरान विभिन्न घाटों पर राजनीतिक दलों के नेता भी पहुंचे. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष तरुण रॉय ने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ कई घाटों पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. उन्होंने कहा कि छठ पूजा ऐसा पर्व है जिसमें डूबते और उगते दोनों सूर्यों की आराधना की जाती है. जैसे दुर्गा पूजा और मुहर्रम मनाए जाते हैं, वैसे ही सभी धर्मों के त्योहार भारत में सद्भावपूर्वक एक साथ मनाये जाते हैं.
तरुण रॉय ने कहा कि दुर्गापुर औद्योगिक क्षेत्र से सामाजिक प्रगति और एकता का संदेश पूरे देश में फैलेगा. उन्होंने उन ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने की बात कही जो समाज में विभाजन फैलाने का प्रयास कर रही हैं.कुमार मंगलम पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम
इस्पात नगरी महा छठ पूजा सेवा समिति की ओर से मंगलवार भोर में कुमार मंगलम पार्क में छठ गीतों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. श्रद्धालु परिवारों ने पारंपरिक संगीत और भक्ति गीतों के बीच उत्सव का आनंद लिया.विभिन्न छठ पूजा समितियों की ओर से व्रतियों के लिए निःशुल्क दूध, चाय, कॉफी और दातून की व्यवस्था की गयी थी. अर्घ्य के बाद व्रत तोड़ने के लिए बनाए गए इन विशेष स्टालों की श्रद्धालुओं ने सराहना की. दुर्गापुर में छठ महापर्व का समापन श्रद्धा, अनुशासन और सामाजिक एकता की अनोखी मिसाल बन गया.
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