अंडाल.
बुधवार को अंडाल डीवीसी-डीएसटीपीएस की ओर से प्रशासनिक शौर्य भवन के समक्ष संविधान दिवस गरिमापूर्ण तरीके से मनाया गया. कार्यक्रम डीवीसी मुख्यालय के निर्देश पर और भारतीय संविधान के अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया गया. इस मौके ने कर्मचारियों को संविधानिक मूल्यों और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को पुनः स्मरण करने का अवसर दिया.कार्यक्रम का नेतृत्व व श्रद्धांजलि समारोह
कार्यक्रम का नेतृत्व मुख्य महाप्रबंधक एवं परियोजना प्रमुख आर. पी. साह ने किया. उन्होंने डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय संविधान केवल दस्तावेज नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है. समारोह की शुरुआत डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई. इसके बाद स्वामी विवेकानंद की मूर्ति पर माल्यदान कर श्रद्धांजलि दी गयी. इसके पश्चात संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन हुआ. हिंदी संस्करण का वाचन आरपी साह ने और अंग्रेजी संस्करण का वाचन वरिष्ठ महाप्रबंधक (एएचएम) सुखदेव खां ने किया.अधिकारियों की उपस्थिति और कार्यक्रम की विशेषताएं
कार्यक्रम में एस. आर. पांडा, महाप्रबंधक (रखरखाव), सोहेल रफ़त, उप कमांडेंट सीआईएसएफ, श्रीकांत गेडाला, उप महाप्रबंधक (एचआर), संदीप कर्मकार, ऋषिकेश कुमार तथा केंद्रीय खेल परिषद के अधिकारी उज्ज्वल बनर्जी मौजूद थे. 100 से अधिक डीवीसी कर्मचारी, सीआईएसएफ कर्मी और संविदा श्रमिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. डीवीसी ब्रिज टूर्नामेंट टीम के सदस्य भी उपस्थित रहे, जो राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में डीवीसी का गौरव बढ़ा चुके हैं.संविधान आदर्शों के प्रति संकल्प
संविधान दिवस का यह आयोजन सत्यनिष्ठा, कर्तव्यनिष्ठा, समानता और राष्ट्रीय एकता जैसे संवैधानिक मूल्यों को पुनः स्मरण कराने वाला रहा. कार्यक्रम का समापन संविधान के सिद्धांतों को अपनाने और समाज में उनके प्रसार के सामूहिक संकल्प के साथ हुआ. संचालन एवं समन्वय में इस्माइल मियां, परिजात चक्रवर्ती, शमीम अहमद, पत्रस हंसदक, आकांक्षा राज, बासुदेव चक्रवर्ती, ज्योति माल, सुमित चक्रवर्ती और अनिर्बाण पाल का योगदान महत्वपूर्ण रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

