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बागटुई नरसंहार में मारे गये लोगों के अब तक जारी नहीं हुए प्रमाण पत्र, परिजनों में रोष

बागटुई ग्राम 21 मार्च की रात को हुए नरसंहार में 10 लोगों को जिंदा जला दिया गया था. अब उनके परिजन मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे है. लेकिन मृतकों का मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) अब तक नहीं मिला है.

बीरभूम जिले के रामपुरहाट एक ब्लॉक के बागटुई ग्राम में इसी वर्ष 21 मार्च की रात को हुए नरसंहार में 10 लोगों को जिंदा जला कर हत्या किए जाने की घटना को लेकर अब तक उक्त मृतकों का मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) नहीं मिलने से उनके परिवार के लोगों ने रोष जताया है.

दर दर भटक रहे मृतक के परिजन

बड़साल ग्राम पंचायत के बागटुई ग्राम निवासी तथा मृतक परिवार के एक सदस्य शेख लाल शेख ने आरोप लगाया की अब तक उनके परिवार के मारे गए लोगों का मृत्यु प्रमाण पत्र संबंधित विभाग से नहीं मिल पाया है. इस मामले को लेकर वह विगत 6 माह से बीडीओ ऑफिस, पंचायत कार्यालय, अस्पताल तथा संबंधित विभागों का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है. जिसके कारण उनके अन्य समस्त कार्य रुक गए हैं. शेख लाल शेख का और आरोप है कि मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिलने से आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड तथा अन्य कागजात आदि वे लोग नहीं बना पा रहे हैं.

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आश्वासन के बावजूद कुछ नहीं हुआ 

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बागटुई आकर इस बात का आश्वासन दिया था कि आगजनी में उनके जो समस्त कागजात जल गए हैं तथा मृत्यु प्रमाण पत्र आदि 1 माह के भीतर ही उन्हें मुहैया करा दिया जाएगा. इस बाबत उन्होंने डीएम को विशेष निर्देश भी दिया था, लेकिन इसके बाद भी अभी तक कोई प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है. इसे लेकर शेख लाल शेख समेत अन्य मृतक के परिवार के लोगों ने रोष जताया है.

21 मार्च को 10 लोगों को जिंदा जलाया गया था 

गौरतलब है कि 21 मार्च की रात को बागटुई ग्राम में तृणमूल नेता तथा उप प्रधान भादू शेख की बम मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद बाद भादू शेख के अनुयायियों ने गांव में करीब 10 घरों में आग लगा दिया था, जिसमें 10 लोगों की जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई थी. इस नरसंहार मामले की जांच भी सीबीआई हाईकोर्ट के निर्देश के बाद कर रही है. इस घटना के बाद कई तृणमूल के नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया था.

रिपोर्ट: मुकेश तिवारी

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