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तीन शिक्षाविदों को डी लिट, चार को गोल्ड

आसनसोल. काजी नजरूल विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह कल्ला स्थित विश्वविद्यालय भवन परिसर में गुरुवार को संपन्न हुआ. राज्यपाल सह कुलाधिपति केसरी नाथ त्रिपाठी की अनुपस्थिति में समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. साधन चक्रवर्ती ने की. बांग्लादेश के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रो. मोहम्मद अब्दुल मन्नान ने मउख्य वक्ता के रूप में संबोधित […]

आसनसोल. काजी नजरूल विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह कल्ला स्थित विश्वविद्यालय भवन परिसर में गुरुवार को संपन्न हुआ. राज्यपाल सह कुलाधिपति केसरी नाथ त्रिपाठी की अनुपस्थिति में समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. साधन चक्रवर्ती ने की.
बांग्लादेश के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रो. मोहम्मद अब्दुल मन्नान ने मउख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया. समारोह में ख्यातिप्राप्त हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायक उस्ताद रसीद खान (अनुपस्थित), विज्ञानी, शिक्षाविद सह नियोटिया यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अशोक सदानंद कालोस्कर तथा गणितज्ञ व हरीशचन्द्र रिसर्च इंस्टच्यूट (इलाहाबाद) के डीन प्रो. सुकुमार दास अधिकारी को डी लिट् की उपाधि से सम्मानित किया गया. सामान्य दीक्षांत समारोह में बंगला, अंग्रेजी, इतिहास व गणित के पहले बैच के टॉपरों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया जबकि उपरोक्त विषयों में 128 उत्तीर्ण स्टूडेंट्सों को एमए तथा एमएससी की डिग्रियां दी गयी.
मुख्य अतिथि प्रो. मन्नान ने कहा कि बांग्लादेश का जन्म 1971 के रक्तरंजित युद्ध के बाद हुआ तथा तीस लाख लोगों ने शहादत दी. आजादी के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है.
उन्होंने कहा कि कवि काजी नजरूल ने ही बांग्लादेश को आजादी का सपना दिखाया था. काजी नजरूल मनुष्यों के जीवन को सुंदर बनाने के हिमायती थे. यही कारण है कि उन्होंने अध्यात्म पर तीखा प्रहार किया है तथा प्रकृति को सर्वाधिक महत्व दिया है. वे हिन्दू व मुसलमान के बीच के विभाजन से भी काफी व्यथित रहा करते थे. उनका कहना था कि यदि इन समुदायों में एकता नहीं रही होती तो देश को आजाद कराने की लड़ाई इतनी जल्दी सफल नहीं होती. उन्होंने भारत व बांग्लादेश के बीच मैत्री पर सर्वाधिक जोर दिया.
समारोह में विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी 25 कॉलेजों के प्राचार्य, राज्य सरकार के अधिकारी, विश्वविद्यालय के टीचिंग व नन टीचिंग स्टॉफ, स्टूडेंट्सों के गाजिर्यन, कार्यकारी परिषद व विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्य यथा – प्रो. सोहनवीर चौधरी (नयी दिल्ली), प्रो. दीपक कर (वेस्ट बंगाल कॉलेज सर्विस कमीशन के चेयरमैन), रजिस्ट्रार डॉ सौगत चक्रवर्ती, परीक्षा नियंत्रक जयंत चक्रवर्ती, डॉ आलोक राय, विकास अधिकारी डॉ पुण्रेन्दू बनर्जी, विज्ञान विभाग के डीन प्रो. अरिजीत घोषाल तथा विभिन्न विभागों के अध्यक्ष मौजूद थे.
समारोह में आकर्षण का केन्द्र विद्रोही कवि काजी नजरूल की वहू कल्याणी काजी रही. उन्होंने दोलोचोनपा सांस्कृतिक संगठन म्यूजिकल ट्रूप के साथ गीत व राष्ट्रीय गान भी गाया. श्रोताओं ने उनके संगीत का काफी आनंद उठाया.
कार्यक्रम का आरंभ उद्घाटन संगीत के साथ हुआ. स्टूडेंट्सों ने कवि गुरू रवींद्र के गीत प्रस्तुत किये. मंच पर वीसी प्रो. चक्रवर्ती, यूजीसी चेयरमैन प्रो. मन्नान, रजिस्ट्रार सह वित्त अधिकारी डॉ चक्रवर्ती, प्रो. कोलास्कर, प्रो. अधिकारी उपस्थित थे.
प्रो. कोलास्कर ने कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए आरंभ से ही कड़ी मेहनत करनी होगी. सही दिशा रहने पर सफलता मिलनी तय है. प्रो. अधिकारी ने बताया कि वे इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा बीबी कॉलेज के छात्र रहे हैं. आसनसोल शहर से शिक्षा में बहुत योगदान मिला है.
रक्तदान व दंत चिकित्सा शिविर
बराकर. बराकर- कुल्टी पुलिस ने रक्तदान व दंत चिकित्सा जांच शिविर लगाया. इसका उद्घाटन एडीसीपी (वेस्ट) विश्वजीत महतो ने कहा. संचालन प्रवीर धर ने किया. एसीपी (वेस्ट) असित पांडेय, बराकर फाड़ी संजीव दे, फांड़ी अधिकारी सुब्रत घोष, निमाई सरकार, टी लोहिया, बबलू मित्र, पप्पू शर्मा आदि उपस्थित थे. दंत चिकित्सक डॉ मौसमी पाल, डॉ निखिल चंद्र दास, डॉ सुखदेव गांगुली, डॉ बेनु गुप्ता आदि उपस्थित थे.

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