बर्दवान-पानागढ़ : पूर्व बर्दवान जिले में गुरुवार से हुई लगातार बारिश के कारण तथा कोहरे व मेघ के कारण खेतों में मौजूद आलू की फसलों के सड़ने की आशंका के साथ-साथ धसा रोग ग्रस्त होने की आशंका प्रबल हो गई है. जिला कृषि विभाग ने आलू की फसलों के नुकसान व धसा रोग होने की आशंका को लेकर चिंता जाहिर की है. विभाग ने आशंका जाहिर कि है कि लगातार कल हुई बारिश तथा कोहरे की मार से आलू की फसलों में धसा रोग की आशंका प्रबल हो गई है.
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बारिश ने बढ़ायी आलू किसानों की चिंता
बर्दवान-पानागढ़ : पूर्व बर्दवान जिले में गुरुवार से हुई लगातार बारिश के कारण तथा कोहरे व मेघ के कारण खेतों में मौजूद आलू की फसलों के सड़ने की आशंका के साथ-साथ धसा रोग ग्रस्त होने की आशंका प्रबल हो गई है. जिला कृषि विभाग ने आलू की फसलों के नुकसान व धसा रोग होने की […]
बताया जाता है कि इस वर्ष पूर्व बर्दवान जिले में 80 हजार हेक्टर भूमि पर आलू की खेती हुई है. ऐसे में आलू की फसलों के नुकसान होने से पैदावार काफी कम होगी. ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही हैं. आलू की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक नुकसान की आशंका काफी बढ़ जाएगी.
कृषकों का कहना है कि एक माह पूर्व ही नवंबर में बुलबुल के कारण आमन धान तथा सब्जी की फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा था. उक्त नुकसान से अभी जिले के कृषक उबर भी नहीं पाए थे कि इस अकाल बारिश के कारण तथा कोहरे के कारण खेतों में लगे आलू के नुकसान की आशंका बढ़ गई है. 2 महीने में दो-दो बार फसलों के नुकसान के कारण कई कृषकों की कमर टूट गई है.
जिला कृषि विभाग ने बताया कि कालना अनुमंडल समेत पूर्व बर्दवान जिले के विस्तीर्ण इलाके में आलू की खेती होती है. बुलबुल चक्रवाती तूफान के कारण गत माह आमन धान, सब्जी, प्याज आदि की करीब 50 हजार हेक्टेयर भूमि में लगी फसलें खराब हो गयी थीं. उस दौरान 1050 हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती की गई थी.
बुलबुल के कारण 750 हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती नुकसान पहुंचा था. अब अकाल बारिश के कारण जिले में आलू की फसलों के नुकसान की आशंका बढ़ गयी है. बताया जाता है कि 79 हजार 445 हजार हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती हुई है. गत वर्ष 72 हजार 341 हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती हुई थी. इस वर्ष 7 हजार 104 हेक्टेयर भूमि पर अधिक आलू की खेती हुई है.
ज्यादातर खेतों में आलू का फलन बढ़ गया है. कई जगह फलन निकलना भी शुरू हो गया है. कई इलाके में फसल बढ़ रहा है. कृषि विभाग का मानना है कि आलू की खेती के लिए ठंडा पड़ना नुकसानदायक नहीं है लेकिन अकाल बारिश के कारण ही आलू की फसलों के नुकसान की आशंका काफी बढ़ जाती है.
बारिश जितनी ज्यादा होगी फसलों के नुकसान की आशंका उतनी ही ज्यादा बढ़ेगी. कोहरे तथ मेघों के कारण भी आलू के फसलों के रोगग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है. कृषकों को सतर्क रहने की हिदायत दी जा रही है. ताकि धसा रोग बढ़ने पर तत्काल दवा का व्यवहार कर सके.
पूर्व बर्दवान जिला कृषि विभाग के अधिकर्ता जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने बताया कि अचानक इस अकाल बारिश के कारण आलू के फसलों के नुकसान की आशंका काफी बढ़ जाती है. कृषकों को परामर्श दिया जा रहा है कि मौसम के ठीक होने पर तत्काल धसा रोग से आलू को बचाने के लिए औषधि का व्यवहार करें.
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