जामुड़िया : कहने को तो पश्चिम बर्दवान पूरी तरह से निर्मल बांग्ला घोषित हो चुका है, लेकिन अभी भी लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं. सबसे अजीब स्थिति तो जामुड़िया ब्लॉक अंतर्गत मदनपुर ग्राम पंचायत में देखने को मिल रही है, जहां सरकार के द्वारा शौचालय के लिए कमरा बना दिया गया है.
शौचालय में टीन के गेट भी लगा दिये गये हैं. मगर विडंबना यह है कि शौचालय का निर्माण ऊपर-ऊपर कर दिया गया पर उस तीनों शौचालय के सेफ्टी टैंक का निर्माण ही नहीं किया गया, जिसके कारण निर्माण मंडल, अनंत मंडल, शेख मोइनुद्दीन का परिवार आज भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं.
मदनतोड़ ग्राम निवासी आनंत, निर्माण व शेख मोयनुद्दीन का कहना है कि इस ग्राम में 80 शौचालय का अभी तक निर्माण किया गया है, लेकिन सेफ्टी टैंक नहीं बनाया गया. इसके कारण लोगों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. उससे भी बड़ी बात यह है कि शौचालय बनाने के लिए मिट्टी कटाई कर नींव में ईंट लगाने के बजाय समतल जमीन पर ईंट लगा कर शौचालय का निर्माण कर दिया गया है. वहीं शौचालय में लगी सामग्री भी निम्न क्वालिटी की लगायी गयी है. इससे ग्रामीणों में नाराजगी है.
पंचायत की ओर से शौचालय निर्माण का फोटो लेने आये कर्मचारियों को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने फोटो लेने से मना कर दिया. उनका कहना है कि ये कर्मचारी शौचालय निर्माण का फोटो तो कार्यालय में जमा कर देंगे, पर हो सकता है कि भविष्य में इस अधूरे शौचालय का पूर्ण निर्माण ही ना हो. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से सभी जगहों पर सही रूप से शौचालय बना कर जिस तरह से दिया जा रहा है. वह इस ग्राम के लोगों को भी मिलना चाहिए.
वहीं इस विषय में पूछे जाने पर मदनतोड़ ग्राम पंचायत के उपप्रधान रूपाली माजी ने बताया कि सरकार की ओर से जो निर्माण सामग्री दी गयी. यहां पर सभी शौचालयों का निर्माण उन्हीं सामग्रियों से हो रहा है. जामुड़िया के बीडीओ ने कहा कि दूसरे फेज में सेफ्टी टैंक का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जायेगा. अब ग्रामीणों को इंतजार है कि कब तक उनके शौचालय के सेफ्टी टैंक का निर्माण होगा और कब उनका परिवार शौचालय का प्रयोग कर पायेंगे.