आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पद के लिए 28 को होना है चुनाव
समर्थन में चेंबर के 58 सदस्यों ने ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर
आसनसोल : आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पद के लिए 28 जून को होने वाले चुनाव को रद्द कर नये सिरे से दो वर्ष के पूर्णकालिक अवधी के लिए चुनाव करने, चुनाव के संदर्भ में विशेष बैठक करने, चुनाव में जल्दबाजी के प्रतिवाद में चुनाव अधिकारी आरएन यादव को हटाने के मांग पर चेंबर सदस्यों ने सदस्यों के हस्ताक्षरित ज्ञापन चेंबर के सचिव को सौँपा.
चेंबर के जगदीश प्रसाद केडिया एवं आजीवन सदस्य मनिंद्र कूंद्रा के समर्थन में कुल 58 सदस्यों ने भी इन मांगों का समर्थन किया है. श्री कुंद्रा ने कहा कि 2019 में साल 2018 के लिए चुनाव कैसे आयोजित किया जा सकता है.
इस चुनाव को पूरी तरह से संविधान विरूद्ध ठहराते हुए उन्होंने इसे रद्द कर नये सिरे से नामांकन करने और विशेष बैठक किये जाने की मांग की. उन्होंने वर्तमान चुनावी तैयारियों को पूरी तरह संविधान का उल्लंघन करने का दावा करते हुए नये सिरे से चुनाव कराने की मांग की. श्री कुंद्रा ने कहा कि चुनाव के आयोजन के लिए चुनाव अधिकारी आरएन यादव ने जल्दबाजी में एक पेपर में सूचना निकाली कि 25 जून संध्या तक नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है और 28 जून को चुनाव के लिए मतदान होंगे.
श्री यादव ने सिर्फ एक ही पेपर में सूचना दि थी जबकि चेंबर के 500 से भी अधिक सदस्य बंगला, उर्दू, अंग्रेजी एवं हिंदी भाषा के समाचार पत्र पढते हैं. उन्होंने चुनाव अधिकारी की ओर से सभी सदस्यों को सटिक सूचना दिये जाने और चुनाव तैयारी के लिए पर्याप्त समय देने की बात कही. उन्होंने चुनाव के उम्मिदवारों की समस्या को रखते हुए कहा कि जब इतनी जल्दी सभी सदस्यों को चुनाव की तिथि सूचित नहीं की जा सकी तो ये उम्मिदवार अपने चुनाव के समर्थन में इतने सदस्यों से संपर्क कैसे कर पायेंगे.
चुनाव रद्द करने के समर्थन में हस्ताक्षर करने वाले चेंबर सदस्यों में राजन असी, सौमेन राय, हेमंत पटेल, अभिषेक पातरा, नंदन सेठ, लक्ष्मी नारायण केडिया, बिजय कुमार गुप्ता, अंबर प्रसाद, रंजीत लाल बर्णवाल, रामनिवास अग्रवाल, ओमप्रकाश साह, सुरजीत सिंह, कौशिक बिसवास, मंजीत सिंह सलूजा, बिजय मखरीया आदि थे. चुनाव अधिकारी आरएन यादव ने कहा कि चुनाव की तिथि रद्द किये जाने संबंधित उन्हें कोई सूचना नहीं मिली है.
चुनाव रोकने के लिए दायर याचिका के बारे में उन्होंने कहा कि यह कोर्ट तय करेंगी कि 28 जून को अध्यक्ष पद के लिए होने वाला चुनाव होगा या रद्द किया जायेगा. उन्होंने कहा कि कोर्ट का काम ही है कि वह गलत चीजों पर प्रतिबंध लगाये और गलत काम करने वालों को रोका जाए.
उन्होंने कहा कि उन्हें चुनाव अधिकारी बनाकर जो जिम्मेदारी सौंपी गयी है उसका निर्वाह वे करते रहेंगे. 15 माह से चुनाव प्रक्रिया रूके होने का हवाला देते हुए कहा कि चेंबर के कुछ सदस्य अभी भी चुनाव को रोकने के पक्ष में हैं. चुनाव रोकने के पक्ष में पहल करने वालों को गलत बताते हुए कहा कि ऐसे लोग चेंबर को बर्बाद करने की मंशा से ऐसा कर रहे है.