रानीगंज : लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही पूरा रानीगंज शहर समस्या ग्रस्त हो गया है. आए दिन बिजली, पानी, रास्ता, जाम जैसी बुनियादी सुविधा की समस्या एवं निगम के कामकाज को लेकर यहां के लोग बेहद परेशान हैं. स्थिति यह है की यहां के लोग आखिर जाए तो जाए कहां, किसे अपनी फरियाद सुनाए.
यहां के सीपीएम विधायक रुनू दत्ता है, निगम के बोरो चेयरपर्सन तृणमूल के चेयरमैन संगीता सारडा है और संसद बीजेपी के बाबुल सुप्रियो हैं. आपस में कहीं से भी किसी का तालमेल नहीं है. इनके चक्कर में पीस रही है यहां की जनता. प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस किन के दिशा-निर्देश पर चल रही है यह भी समझना मुश्किल है.
शहर में सुबह होते ही जाम की समस्या शुरू हो जाती है. लाइफलाइन माना जाने वाला रानीगंज का एनएसबी रोड की स्थिति बद से बदतर है. विकास कार्य को लेकर ठेकेदार की मनमानी का आलम यह है कि ठेकेदार किस रूप में काम कर रहे है, किस गुणवत्ता पर काम कर रहे है, कामकाज का ब्लू प्रिंट क्या है इसका सुध लेने वाला कोई नहीं है. निगम के बोरो चेयरपर्सन संगीता सारडा पहले तो ऐसे कामों पर ध्यान भी देती थी, लेकिन कॉरपोरेशन सूत्रों का कहना है की पिछले कुछ समय से वह बोरो कार्यालय ही नहीं आ रही हैं.
आती हैं तो किसी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रही हैं. रानीगंज के विधायक रुनु दत्ता ने बताया कि मैं मानता हूं की बुनियादी सुविधा को लेकर यहां के लोग काफी परेशान हैं. जाम की समस्या से लेकर अन्य समस्या इस कदर जटिल हो गई है कि हम लोगों ने भी सोमवार को रानीगंज बोरो कार्यालय को ज्ञापन भी सौंपा. वहीं बीजेपी के ब्लॉक अध्यक्ष शमशेर सिंह ने बताया के स्थिति बद से बदतर है.
हम लोगों ने रानीगंज के बोरों कार्यालय में जाकर धरना प्रदर्शन किया लेकिन कुछ हाथ अब तक नहीं लगा. जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. ट्रैफिक व्यवस्था मानो है ही नहीं. पंजाबी मोड से रानीगंज रेलवे स्टेशन पहुंचना आसान काम नहीं रह गया है. पुलिस प्रशासन ट्रॉफिक व्यवस्था मात्र ट्रक वालों एवं बाइक चालकों को भयादोहन करने में सुबह से व्यस्त रहती है. उन्हें आम लोगों की सुविधा से कुछ लेना देना नहीं है. रानीगंज की स्थिति को नियंत्रित न की गई तो आक्रोश और भी बढ़ेगा.