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कोल इंडिया. कोयला उत्पादन में कमी की वजह और एटीआर रोजाना तलब, सीएमडी-डीटी से रोज हिसाब ले रहे सीएनओ
आसनसोल : देश में बिजली संकट को देखते हुए पावर प्लांटों में नियमित और गुणवत्ता युक्त कोयला सप्लाई को लेकर कोयला मंत्रालय लगातार कोल इंडिया पर दबाव बनाये हुए है. कोयला मंत्री पीयूष गोयल स्वयं इसे लेकर गंभीर हैं. पावर प्लांटों में कोयला सप्लाई नियमित बनाये रखने पर जोर देते हुए मंत्रालय ने कोल इंडिया […]
आसनसोल : देश में बिजली संकट को देखते हुए पावर प्लांटों में नियमित और गुणवत्ता युक्त कोयला सप्लाई को लेकर कोयला मंत्रालय लगातार कोल इंडिया पर दबाव बनाये हुए है. कोयला मंत्री पीयूष गोयल स्वयं इसे लेकर गंभीर हैं. पावर प्लांटों में कोयला सप्लाई नियमित बनाये रखने पर जोर देते हुए मंत्रालय ने कोल इंडिया से कहा है कि किसी भी प्लांट में कोयला की कमी न होने पाये.
स्टॉक और डिस्पैच को लेकर डे-टू-डे मॉनीटरिंग के लिए मंत्रालय की योजना है. इस काम के लिए मंत्रालय ने सभी अनुषांगिक कंपनियों में एक-एक चीफ नॉडल ऑफिसर (सीएनओ) नियुक्त किये गये हैं. ये संयुक्त सचिव स्तर के प्रशासनिक अधिकारी हैं. आगामी एक नवंबर से मंत्रालय रोजाना प्रोडक्शन की अपडेट रिपोर्ट लेगा.
चालू वित्तीय वर्ष में सीआइएल को 652 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करना है. कंपनियां अपने एरिया तथा परियोजनाओं पर लगातार लक्ष्य प्राप्ति के लिए दबाब बना रही हैं. इसीएल में भी इस संबंध में वरीय अधिकारी एरिया महाप्रबंधकों के साथ जीवंत संपर्क बनाये हुए है. उन्हें मुख्यालय स्तर से हर सहायता दिये जाने का आश्वासन मिल रहा है.
हर परियोजना को केंद्र कर अलग-अलग समीक्षा हो रही है तथा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप उत्पादन व डिस्पैच करने पर जोर दिया जा रहा है. बरसात में सामान्य से कम बारिश होने का भी लाभ कंपनी को मिला है. खुली खदानों में बारिश के कारण उत्पादन कम बाधित हुआ है. दुर्गापूजा की छुट्टियां समाप्त होने के बाद प्रबंधन पूरी सक्रियता से उत्पादन व डिस्पैच में जुट गया है.
हर कंपनी के सीएनओ प्रतिदिन कंपनी के सीएमडी तथा तकनीकी निदेशक से उत्पादन की जानकारी ले रहे हैं. इस कारण हर दिन नौ बजे से पहले ही हर एरिया से उत्पादन तथा डिस्पैच की रिपोर्ट कंपनी मुख्यालय में पहुंच रही हैं. प्रोडक्शन-डिस्पैच के सिलसिले में सीएनओ रोजाना मॉनीटरिंग करते हैं. वे कंपनियों के सीएमडी तथा तकनीकी निदेशक से एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) लेते हैं. मॉनीटरिंग के वक्त रिपोर्ट में कम लक्ष्य हासिल होने की वजह के जिक्र के साथ इस संबंध में उठाये गये कदमों का भी रोजाना उल्लेख करना होता है.
कोल इंडिया ने एनटीपीसी को 50 लाख टन अतिरिक्त कोयला देने की पेशकश की है. इसके लिए शर्त्तों में कुछ बदलाव किया गया है. इसका मकसद कोयला खदानों के मुहाने पर भंडार को कम करना है. कोयले को सड़क मार्ग से उठाने की जरूरत है. इससे आयात में कमी आयेगी. ईँधन आपूर्त्ति समझौते के तहत कोल इंडिया सामान्य रूप से कोयला मालगाड़ी के जरिये आपूर्त्ति करती है.
मंत्रालय ने कहा है कि कंपनी त्योहारों के दौरान आपूर्त्ति बढ़ाने को खदानों के पास सितंबर तक पड़े करीब 2.1 करोड़ टन कोयला भंडार में से एक करोड़ टन की कमी करें. कोल इंडिया ने सप्लाई के लिए नियम शर्त्तों में बदलाव किया है. सामान्य रूप से सप्लाई नगदी के साथ की जाती है. पर 50 लाख टन की पेशकश कर्ज के आदार पर होगी और इसके लिए पेशगी का दबाव नहीं दिया जायेगा.
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