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आद्रा : दो पंचायत सदस्यों ने भी थामा दामन
आद्रा : पुरूलिया जिला के 34 नंबर जिला परिषद सीट से विजयी भाजपा प्रार्थी लिपिका बनर्जी ने शुक्रवार देर शाम को पुरूलिया जिला तृणमूल कार्यालय में जिला तृणमूल अध्यक्ष सह मंत्री शांति राम महतो, राज्यसभा सांसद शांतनु सेन तथा पाड़ा विधायक उमापद बाउरी की उपस्थिति में तृणमूल का दामन थाम लिया. दीपिका ने बताया कि […]
आद्रा : पुरूलिया जिला के 34 नंबर जिला परिषद सीट से विजयी भाजपा प्रार्थी लिपिका बनर्जी ने शुक्रवार देर शाम को पुरूलिया जिला तृणमूल कार्यालय में जिला तृणमूल अध्यक्ष सह मंत्री शांति राम महतो, राज्यसभा सांसद शांतनु सेन तथा पाड़ा विधायक उमापद बाउरी की उपस्थिति में तृणमूल का दामन थाम लिया. दीपिका ने बताया कि राज्य के विकास तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नीतियों से प्रेरित होकर वह तृणमूल में शामिल हुई है. मंत्री शांतिराम महतो ने कहा कि दिपीका ने तृणमूल में शामिल होने के लिये आवेदन किया था. उनके आवेदन पर अमल करते हुये उन्हें पार्टी में शामिल किया गया है.
उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त को पाड़ा विधानसभा के तृणमूल विधायक उमापद बाउरी पर हमले के आरोप में दीपिका के पति रघुनाथपुर प्रखंड दो मंडल के अध्यक्ष संजीव बनर्जी आज भी जेल में है.
भाजपा के जिला सचिव कमलाकांत हांसदा का दावा है कि संजीव को पुलिस ने तृणमूल के इशारे पर झूठे मामले में गिरफ्तार किया है. डरा-धमका कर दीपिका को तृणमूल में शामिल किया गया है. उल्लेखनीय है कि पुरूलिया जिला परिषद की कुल 38 सीटों में से तृणमूल ने 26, भाजपा ने नौ तथा कांग्रेस ने तीन सीटें जीती थीं. अब भाजपा के एक सदस्य के तृणमूल में शामिल हो जाने से तृणमूल की सीटें बढ़कर 27 हो गई हैं.
दूसरी ओर, शनिवार को को झालदा प्रखंड अंतर्गत दड़दा ग्राम पंचायत के भाजपा सदस्य विजय लाया तथा बिलासी रोहिदास ने भाजपा छोड़कर तृणमूल का दामन थाम लिया. जिला अध्यक्ष मंत्री शांतिराम महतो, सांसद शांतनु सेन की उपस्थिति में इन्हें पार्टी में शामिल कर लिया गया.
मंत्री ने कहा कि राज्य की ममता सरकार के विकास कार्यों को देखते हुये ही ये तृणमूल में शामिल हुये हैं. इनके तृणमूल में शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी. उल्लेखनीय है कि दरदा ग्राम पंचायत की कुल नौ सीटों में से तीन पर भाजपा, एक पर कांग्रेस तथा पांच पर तृणमूल ने जीत हासिल की है. पंचायत प्रधान का सीट अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित है. तृणमूल का एक भी उम्मीदवार अनुसूचित जनजाति का नहीं है.
ऐसे में पंचायत में जीत हासिल करने के बाद भी प्रधान भाजपा सदस्य को ही प्रधान बनाना पड़ता. लेकिन विजय लाया एवं बिलासी रोहिदास के तृणमूल में शामिल होने से ग्राम पंचायत पर तृणमूल ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. इधर, भाजपा का दावा है कि तृणमूल पुलिस की मदद लेकर भाजपा के विजयी ग्रामपंचायत उम्मीदवारों को अगवा कर उन्हें डरा-धमकाकर एवं प्रलोभन देकर पार्टी में शामिल कर रही है.
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