कोलकाता: वामपंथी दलों ने विनाशकारी चक्रवात फैलिन से हजारों लोगों की जिंदगी बचाने के लिए ओड़िशा की नवीन पटनायक सरकार की प्रशंसा की लेकिन मध्यप्रदेश की भाजपा शासित सरकार की एक मंदिर में मानव रचित आपदा के लिए आलोचना की जहां सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी.
माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने पार्टी के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के संपादकीय में कहा, समय पर हस्तक्षेप, सही अनुमान और प्रशासनिक कुशलता से चक्रवात फैलिन से हजारों लोगों की जिंदगी बचा ली गयी. उन्होंने लिखा कि प्राकृतिक आपदा चक्रवात की तुलना में मध्यप्रदेश के दतिया जिले के रतनगढ़ मंदिर में मानव रचित आपदा में कम से कम 115 लोग मारे गये.
इस स्थिति को पूरी तरह टाला जा सकता था. सरदार पटेल ने भारतीय प्रशासनिक ढांचे को कभी ‘स्टील फ्रेम’ बताया था जो न केवल देश को एकजुट और कार्यशील रखता है बल्कि काम करता है. बाद में महसूस किया जाने लगा था कि इस ‘स्टील फ्रेम’ का क्षरण हो रहा है और इतना क्षरण हो गया है कि अब यह खोखला हो गया है. भाकपा के वरिष्ठ नेता एबी वर्धन ने ओड़िशा की आपदा और मध्यप्रदेश की आपदा के बीच तुलना की और कहा कि एक मामले में जिंदगियां बचायी गयीं तो दूसरे में बेरुखी, दूरदर्शिता और तैयारियों की कमी के कारण जानें चली गयीं.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्रणाली को लागू करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए वर्धन ने कहा कि ओड़िशा में अच्छी व्यवस्था है जबकि मध्यप्रदेश में इसकी कमी है जबकि वहां पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं.