कोलकाता: आगामी 19-20 सितंबर को किराया बढ़ाने को लेकर बस मालिकों द्वारा आहुत हड़ताल पर राज्य सरकार व बस मालिक संगठनों के बीच खींचतान का माहौल और भी बढ़ गया है.
परिवहन मंत्री मदन मित्र द्वारा बस परमिट रद्द करने की धमकी के बावजूद मालिक संगठन अपने फैसले पर अडिग हैं. उन्होंने राज्य सरकार के सामने घुटने टेकने से इनकार कर दिया है. इस संबंध में ज्वायंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के महासचिव साधन दास ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा दी गयी धमकी का उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. 19-20 सितंबर को सभी निजी बस बंद रहेंगे. राज्य सरकार ने पिछले वर्ष अक्तूबर महीने में किराया बढ़ाया था और तब से अब तक करीब नौ बार पेट्रोल उत्पादों की कीमत में वृद्धि हुई है. ऐसे में बस मालिकों के पास किराया बढ़ाने के अलावा और कोई दूसरा वैकल्पिक रास्ता ही नहीं बचा है.
राज्य सरकार बस मालिकों की समस्या समझने की बजाय उनको धमका रही है. अपने अधिकारों की मांग को लेकर आंदोलन करना हमारा गणतांत्रिक अधिकार है और कोई हमसे यह अधिकार नहीं छीन सकता. ज्वायंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट बंगाल की सबसे बड़ी बस मालिकों की संगठन है, जिसके अंतर्गत जिलों में करीब 37 हजार व महानगर में 6500 बसें हैं. अगर दो दिनों की हड़ताल होती है तो पूरे राज्य में परिवहन व्यवस्था चरमरा जायेगी. परिवहन मंत्री मदन मित्र ने पिछले दिनों कहा था कि 19-20 सितंबर को जो बस रास्ते पर नहीं उतरेंगे उनके परमिट रद्द कर दिये जायेंगे.