कोलकाता: वाममोरचा कार्यकाल के दौरान तत्कालीन सरकार ने सभी नियमों को ताक पर रख कर जमीन का हस्तांतरण किया था. राज्य सरकार की ओर से हावड़ा के धूलागढ़ में ट्रक टर्मिनल के लिए एक निजी कंपनी को करीब 45 एकड़ जमीन दी गयी थी.
लेकिन बिना किसी नियम के ही निजी कंपनी को जमीन का हस्तांतरण किया गया था. राज्य में नयी सरकार आने के बाद से इस मामले की जांच शुरू की थी और जांच में पता चला है कि धूलागढ़ ट्रक टर्मिनस के लिए निजी कंपनी को अवैध तरीके से जमीन का हस्तांतरण किया गया था. अब राज्य सरकार इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कराने का फैसला किया है.
इस संबंध में राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र ने बताया कि धूलागढ़ ट्रक टर्मिनल मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने कमेटी बनायी थी और कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी पेश है. रिपोर्ट में जमीन हस्तांतरण के संबंध में कई खामियों को दर्शाया गया है.
इसलिए राज्य सरकार ने धूलागढ़ के साथ ही पश्चिम बंगाल परिवहन आधारभूत विकास निगम द्वारा उस दौरान किये गये जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया का जांच करने का फैसला किया है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अलग आयोग का गठन करने पर विचार विमर्श कर रही है, जो सभी मामलों की जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी.