कोलकाता: कोलकाता नगर निगम के रतन बाबू श्मशान घाट में एक अजीबो-गरीब घटना हुई. निगम के एक नंबर वार्ड अंतर्गत इस श्मशान घाट के कर्मचारियों ने एक ही शवदाह गृह में एक साथ दो लाशें जला डालीं.
मंगलवार दोपहर दमदम के रवींद्रनगर निवासी स्वर्णमाला दास एवं दमदम की ही चेतना मंडल का शव लेकर उनके परिजन अंतिम संस्कार के लिए काशीपुर स्थित निगम के इस श्मशान में पहुंचे थे.
श्मशान घाट में दो वैद्युतिक शवदाह गृह हैं. पहली बारी स्वर्णमाला दास के पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार की थी. एक शवदाह गृह में निगम कर्मियों ने पहले स्वर्णमाला दास के शव को डाला और उसके पंद्रह मिनट के बाद ही चेतना मंडल का शव भी उसी शवदाह गृह में डाल दिया. आमतौर पर बिजली से चलनेवाले किसी भी शवदाह गृह में एक शव को पूरी तरह से जलने में कम से कम 45 मिनट एवं अधिक से अधिक 60 मिनट का समय लगता है.
पर निगम कर्मियों ने लापरवाही की इंतहा करते हुए केवल 15 मिनट के अंदर ही दो शव एक ही शवदाह गृह में डाल दी. थोड़ी देर में दोनों लाशें जल गयीं, तब जाकर दोनों मृतकों के परिजनों को एहसास हुआ कि कितनी बड़ी गलती हुई है, क्योंकि अंतिम संस्कार के बाद चिता की राख को परिजन पूजा के लिए ले जाते हैं. वहां तो दोनों लाश एक साथ जलायी गयी थी. इसलिए दोनों परिवारों के लिए उन्हें अपना बताने में दिक्कत हो रही थी. निगम कर्मियों की इस घिनौनी हरकत से गुस्साये दोनों परिवार के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. बात जब अधिकारियों तक पहुंची तो दो निगम कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. इस बारे में पूछे जाने पर मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि इतनी बड़ी भूल कैसे हुई, इसकी जांच का आदेश दिया गया है. हम लोगों ने फौरन कार्रवाई करते हुए दो कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है एवं कुछ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.