कोलकाता/हुगली: पश्चिम बंगाल के जूट उद्योग का संकट गहराता जा रहा है. रविवार को हुगली जिले के भद्रेश्वर स्थित नॉर्थ ब्रूक जूट मिल के सीइओ एचके माहेश्वरी की हत्या के बाद स्थिति बिगड़ती जा रही है.
इस घटना से जूट मिलों के प्रबंधक खासे चिंतित बताये जा रहे हैं. श्रमिकों के हमले में माहेश्वरी की मौत के बाद नॉर्थ ब्रूक जूट मिल प्रबंधन ने मिल में तत्काल तालाबंदी की घोषणा कर दी. मंगलवार को उत्तर 24 परगना के जगदल स्थित ऑकलैंड जूट मिल और हावड़ा के घुसुड़ी की हनुमान जूट मिल में प्रबंधन ने श्रमिक असंतोष बता कर सस्पेंशन ऑफ वर्क की घोषणा कर दी. इससे हजारों श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं. उधर, दस श्रमिकों को काम पर आने से रोकने के प्रबंधन के नोटिस के खिलाफ मंगलवार को तेलनीपाड़ा स्थित विक्टोरिया जूट मिल के मजदूरों ने प्रदर्शन किया.
ऑकलैंड जूट मिल श्रमिकों में नाराजगी
मंगलवार सुबह ऑकलैंड जूट मिल के गेट पर सस्पेंशन ऑफ वार्क्स का नोटिस देख कर कर्मचारियों में रोष फैल गया. उन्होंने मिल खोलने की मांग को लेकर घोषपाड़ा रोड पर जाम लगा दिया. अवरोध आधे घंटे से अधिक समय तक चला. इससे वाहनों की आवाजाही बंद रही. जगदल थाने की पुलिस ने श्रमिकों को समझा-बुझा कर जाम खुलवाया. इस संबंध में बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी डीडी सी सुधाकर ने बताया कि तनाव के मद्देनजर मिल के गेट पर पुलिस तैनात कर दी गयी है. मिल बंद होने से साढ़े 3 हजार श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं. प्रबंधन का कहना है कि कुछ कर्मचारी काम में बाधा डाल रहे थे, इससे उत्पादन में नुकसान हो रहा था.
प्रबंधन का कहना है कि श्रमिकों ने 25 मई को सुरक्षा अधिकारी को पीट दिया था. साप्ताहिक छुट्टी के लिए भी पैसा देने के लिए लगातार धमकी मिल रही थी, जिसकी वजह से मिल को बंद करने का फैसला लिया है. दूसरी ओर, श्रमिक यूनियन ने प्रबंधन के इन आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने उत्पादन में घाटे की बात से इनकार किया. इस संबंध में भाटपाड़ा के विधायक अजरुन सिंह ने बताया कि प्रबंधन ने मानमानी कर मिल को बंद किया है. उन्होंने प्रबंधन के साथ बैठक कर मिल को जल्द खुलवाने की बात कही.
हनुमान जूट मिल में चल रही थी खींचतान
हावड़ा के घुसड़ी स्थित हनुमान जूट मिल में भी कार्य स्थगन का नोटिस चस्पा कर दिया गया है. सस्पेंशन ऑफ वर्क्स के नोटिस से श्रमिकों में काफी रोष है. श्रमिकों के मुताबिक एक साजिश के तहत प्रबंधन ने यह कदम उठाया है. जानकारी के अनुसार, प्रबंधन व श्रमिकों के बीच काम के वक्त को लेकर काफी दिनों से खींचतान चल रही थी. श्रमिकों ने बताया कि सभी से आठ घंटे के बदले 11 घंटे काम कराया जा रहा था. गरमी में लगातार 11 घंटे काम करना संभव नहीं हो रहा है. गरमी की वजह से उनके 21 साथी बीमार हो चुके हैं. श्रमिकों की तरफ से प्रबंधन को आठ घंटे काम कराये जाने की गुहार लगायी गयी थी लेकिन आठ घंटे काम किये जाने की मांग को लेकर प्रबंधन ने मॉर्निग शिफ्ट के आठ श्रमिकों को बरखास्त कर दिया. मंगलवार सुबह बरखास्त आठ श्रमिकों को मिल पर ही रोक दिये जाने के विरोध में मॉर्निग शिफ्ट के सभी श्रमिक मालीपांचघड़ा थाने के समक्ष विरोध प्रदर्शन करने लगे. श्रमिकों ने काम बंद कर दिया. हालात बेकाबू न हो जाये, इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. शाम को प्रबंधन ने कार्य स्थगन का नोटिस लगा दिया. इस मिल में दो हजार से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं. मालूम रहे कि काफी समय तक बंद रहने के बाद लोकसभा चुनाव से तीन दिन पहले 27 मई को इस मिल को फिर से खोला गया था.
सियासत भी तेज
विधायक अशोक घोष ने कहा, ‘मेरे हस्तक्षेप के बाद यह मिल चुनाव के पहले खुला थी. मेरी मौजूदगी में श्रमिक व प्रबंधन के बीच एक समझौता हुआ था. श्रमिकों को 11 घंटे का काम दिया गया था लेकिन भाजपा नेताओं के बहकावे में आकर मिल श्रमिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. श्रमिक अपना फैसला खुद कर लें.’ उधर, भाजपा नेता उमेश राय ने कहा,‘बिना इच्छा के श्रमिकों से 11 घंटे काम लिया जा रहा है. यह गलत है. मिल खुलने के बाद सिर्फ एक हफ्ते के लिए 11 घंटे काम कराये जाने की मौखिक बात हुई थी लेकिन यह अब तक जारी है. मिल में सात यूनियनें हैं लेकिन फैसला प्रबंधन व तृणमूल समर्थित यूनियन ही करती है. स्थानीय तृणमूल नेता श्रमिकों को डरा-धमका रहे हैं. श्रमिकों ने भाजपा से संपर्क साधा है. इस मसले पर जल्द कदम उठाये जायेंगे.
विक्टोरिया जूट मिल के श्रमिकों ने किया प्रदर्शन
हुगली के तेलनीपाड़ा स्थित विक्टोरिया जूट मिले में मंगलवार को श्रमिकों ने प्रदर्शन किया गया. हंगामा तब हुआ जब मिल के मुख्यद्वार पर 10 श्रमिकों को काम पर नहीं आने का नोटिस मजदूरों ने देखा. प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि श्रमिकों को वापस काम पर लिया जाये. श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन की वजह से मिल के फिनिसिंग, हाथ सिलाई मशीन, प्रेस, लैपिंग, कैलेंडर विभागों व बेल गोदाम में कार्य ठप रहा. श्रमिकों ने बताया कि सोमवार को काम करने के दौरान एम दास नामक एक श्रमिक बीमार हो गया. आरोप के मुताबिक, उसे अस्पताल ले जाने वाले श्रमिकों को धमकी दी गयी कि यदि वे काम छोड़कर गये तो उन्हें कार्य में अनुपस्थित होना बताया जायेगा. इसी को लेकर कुछ श्रमिकों ने विरोध किया. उधर, विक्टोरिया जूट मिल के चीफ एग्जीक्यूटिव (वर्क्स) आरके सिंह ने कहा कि बीमार श्रमिक को अस्पताल ले जाया गया लेकिन इस मसले को लेकर कुछ श्रमिक उत्तेजित हो गये. उन्होंने आरोप लगाया कि श्रमिकों ने महाप्रबंधक (पर्सनल और एडमिनिस्ट्रेशन) अरूण सिंह से मारपीट की. यदि समय पर पुलिस नहीं आती तो नॉर्थ ब्रुक जैसी घटना घट सकती थी. नोटिस में जिन श्रमिकों को कार्य पर नहीं आने का निर्देश दिया गया है उनके नाम ओमप्रकाश चौधरी, शाहिद इकबाल हुसैन, मोहम्मद कयामुद्दीन, मोहम्मद मैनुद्दीन, रामेश्वर कुमार गुप्ता, रंजीत नाथ, अनिल महतो, सबीर अली, मोहम्मद जावेद और अरुण कुमार साव हैं.
सीइओ की हत्या में दो और गिरफ्तार
भद्रेश्वर के नॉर्थ ब्रूक जूट मिल में श्रमिकों के हमले में मिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) एचके माहेश्वरी की मौत के मामले में पुलिस ने मंगलवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया. इनके नाम मोहम्मद कमरूद्दीन और मोहम्मद शमसुद्दीन बताये गये हैं. अब तक आठ लोग पकड़े जा चुके हैं. आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302, 120बी, 307, 326 व 147 के तहत मामले दर्ज किये गये हैं. पुलिस के मुताबिक, अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. प्राथमिक रूप से शिकायत में करीब 200 अज्ञात लोगों का उल्लेख है जिन पर हत्या में शामिल होने का आरोप है. गौरतलब है कि रविवार को नॉर्थ ब्रूक जूट मिल परिसर स्थित सीइओ कार्यालय के पास आक्रोशित श्रमिकों ने माहेश्वरी की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.