मालदा : गंगा नदी में मछली पकड़ने गये मछुआरे लूटपाट का शिकार हुए. आरोप है कि लुटेरों ने इनसे मोबाइल और नगदी के अलावा नौका भी छीन ली. रविवार भोर रात यह घटना मानिकचक थाने के रुस्तमपुर इलाके में गंगा नदी के बीच में घटी. हमले के शिकार मछुआरों ने एक बदमाश को पहचान भी लिया है. सैफुद्दीन शेख नामक एक बदमाश और उसके दल-बल के खिलाफ मछुआरों ने मानिकचक थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी है.
इस घटना को लेकर मानिकचक के मछुआरों में आतंक है और उन्होंने फिलहाल मछली पकड़ने के लिए गंगा में जाना बंद कर दिया है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. कुछ मछुआरों को इलाज के लिए मानिकचक ग्रामीण अस्पताल भी लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मानिकचक के डोमहाट, रुस्तमपुर और सोनापुर इलाके में सैकड़ों मछुआरे गंगा में मछली पकड़कर अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं.
मछली पकड़ने के लिए हर साल फेरीघाट मालिक को 500 से 800 रुपये देना पड़ता है. काफी दिनों से मछुआरे बिना किसी समस्या के इस पैसे का भुगतान करते आ रहे हैं. हाल के महीनों में गोपालपुर के रहने वाले सैफुद्दीन शेख ने रंगदारी शुरू कर दी है. वह मछुआरों से अलग से पैसे की मांग कर रहा है. हालांकि मछुआरे उसे पैसा देने को राजी नहीं हैं. इसी को लेकर विवाद चल रहा था.
रविवार को हमले का शिकार हुए मछुआरे तैमुर, जमाल आदि ने बताया कि 30 से 40 मछुआरे मछली पकड़ने गंगा में उतरे थे. इसी दौरान बीच धारा में हथियारबंद बदमाशों के एक दल ने करीब 12 मछुआरों को घेर लिया. सैफुद्दीन शेख दूसरे राज्य के बदमाशों को लेकर आया था. नदी के बीच में ही मछुआरों के साथ मारपीट की गई और उनसे35 हजार रुपये छीन लिये गये.
इस घटना को लेकर पूरे इलाके 11 मोबाइल, छह नौकाएं और करीब में सनसनी है. मानिकचक थाने के ओसी कुणाल कांति दास ने बताया कि पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है. इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
