कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को केंद्र में स्पष्ट बहुमत मिलने से अन्य विरोधी पार्टियों की मुश्किलें बढ़ गयी है, क्योंकि किसी भी विरोधी पार्टी को इतने सीट नहीं मिले हैं, जिससे वह केंद्र में विपक्षी पार्टी का दर्जा प्राप्त कर सके. जहां एक ओर भाजपा केंद्र में मंत्रिमंडल के गठन के लिए बैठक कर रही है तो विरोधी पार्टियों ने विपक्ष बनाने के लिए कवायद शुरू की है.
इस संबंध में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के साथ संपर्क साधा है और उनसे इस विषय पर बातचीत की है. देश की कोई भी पार्टी कुल लोस सीट 542 में से 10 फीसदी सीट अर्थात 54 सीट प्राप्त नहीं कर पायी है. इसलिए ऐसी परिस्थिति में केंद्र में विपक्ष का कोई नेता ही नहीं हो सकता है. बिहार में विरोधी पार्टियों को जितने सीट मिलने की उम्मीद थी, वह उन्हें नहीं मिला.
बंगाल की तृणमूल कांग्रेस ने यहां के 42 सीटों में से 34 व तमिलनाडु की एआइएडीएमके ने 39 सीटों में से 37 सीटों पर कब्जा किया है और यही दोनों सबसे बड़ी क्षेत्रीय पार्टियां है. इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि देश के हितों को देखते केंद्र में विपक्ष का होना बहुत जरूरी है, नहीं तो भाजपा अपने मनचाहे तरीके से सभी विधेयकों को पारित करा लेगी. इसलिए अब केंद्र में विपक्षी ब्लॉक बनाने की कवायद शुरू हो गयी है.विशेषज्ञों के अनुसार, अगर दो पार्टियां चाहें तो आपस में मिल कर विपक्षी ब्लॉक का गठन कर सकती है, इस संबंध में एक कानून भी है.
इस संबंध में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि अगर संसद के अंदर विभिन्न विपक्षी पार्टियां एक विपक्षी ब्लॉक का गठन कर सकती है, इसके लिए उनको लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिख कर दावा करना होगा कि इन संबंधित पार्टियों को लेकर वह संयुक्त रूप से विपक्ष का गठन करना चाहते हैं. अब इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ही कोई निश्चित फैसला ले सकते हैं.