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सारधा मामले में मेयर से पूछताछ की मांग

कोलकाता: सारधा मामले की जांच कर रहे इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट (ईडी) से कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी से पूछताछ करने की मांग की गयी है. 29 नंबर वार्ड के कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने सारधा और निगम प्रशासन के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया है. दरअसल, श्री उपाध्याय 24 अप्रैल को स्वयं ईडी के दफ्तर पहुंच […]

कोलकाता: सारधा मामले की जांच कर रहे इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट (ईडी) से कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी से पूछताछ करने की मांग की गयी है. 29 नंबर वार्ड के कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने सारधा और निगम प्रशासन के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया है.

दरअसल, श्री उपाध्याय 24 अप्रैल को स्वयं ईडी के दफ्तर पहुंच गये थे. उन्होंने दावा किया था कि निगम ने 455, डायमंड हार्बर रोड स्थित एक परिसर में सारधा की विभिन्न कंपनियों को 43 ट्रेड लायसेंस जारी किया था. मामले के प्रकाश में आने एवं हंगामा मचने के बाद पिछले वर्ष नवंबर ने सभी ट्रेड लायसेंस रद्द कर दिया था. श्री उपाध्याय के दावों पर ईडी ने उन्हें सम्मन भेज कर सोमवार को अपने दफ्तर बुलाया था. श्री उपाध्याय सोमवार को लगभग 12 बजे सॉल्टलेक के सीजीओ कंप्लेक्स स्थित ईडी के दफ्तर पहुंचे. वह लगभग डेढ़ घंटे तक वहां रहे और अपनी जानकारी ईडी अधिकारियों के साथ साझा किया और काफी दस्तावेज भी उनके हवाले किया.

ईडी दफ्तर से निकलते समय श्री उपाध्याय ने कहा कि ईडी के निदेशक योगेश गुप्ता ने स्वयं न केवल उनसे बातचीत की, बल्कि उन्होंने अपने अधिकारियों को बुला कर उनके आरोपों की जांच करने के लिए कहा. इसके साथ ही ईडी अधिकारियों ने कांग्रेस पार्षद द्वारा दिये गये दस्तावेजों को भी देखा. श्री उपाध्याय ने आरोप लगाया कि इस मामले में मेयर का भी हाथ है. इसलिए ईडी को चाहिए कि वह मेयर को भी बुला कर उनसे पूछताछ करे. सॉल्टलेक स्थित सारधा का दफ्तर महज एक दिखावा था. हकीकत में उसके सभी कामकाज 455, डायमंड हार्बर रोड स्थित उस परिसर से नियंत्रित होते थे, जहां निगम ने 43 ट्रेड लायसेंस जारी किया था. अब भी सारधा के इन दफ्तरों में काफी अहम दस्तावेज मौजूद है. ईडी को चाहिए कि वहां तलाशी अभियान चला कर उन कागजातों को बरामद करे, इससे सारधा मामले की जांच में काफी सहूलियत होगी. मेयर उस इलाके के विधायक भी हैं. पिछले वर्ष अप्रैल में सुदीप्त सेन की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने कई बार निगम के मासिक अधिवेशन में इस मुद्दे को उठाया था.

पर निगम प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. जब मामले ने काफी तूल पकड़ा तब पिछले वर्ष नवंबर में जल्दबाजी में वे सभी 43 ट्रेड लायसेंस रद्द कर दिये गये. श्री उपाध्याय ने कहा कि इस मामले में कोलकाता नगर निगम में जो भी दोषी है, उसे गिरफ्तार कर सजा दी जाये. कांग्रेस पार्षद के आरोपों को खारिज करते हुए मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि ट्रेड लायसेंस देने की एक प्रक्रिया है. उसी प्रक्रिया के तहत 455, डायमंड हार्बर रोड स्थित परिसर में भी ट्रेड लायसेंस दिया गया था. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. सारधा मामला प्रकाश में आने के बाद प्रक्रिया के तहत हम लोगों ने बाद में उन सभी ट्रेड लायसेंसों को रद्द कर दिया था.

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