कोलकाता: खादिम जूता कंपनी के मालिक के सनसनीखेज अपहरण मामले के मुख्य आरोपियों में शामिल हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी सिंह (42) की सोमवार को प्रेसिडेंसी जेल में एक अन्य कैदी ने हत्या कर दी. एडीजी जेल अधीर शर्मा ने बताया कि खादिम के मालिक पार्थ सारथी राय बर्मन को 2001 में अगवा करने के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सिंह की सोमवार सुबह मोहम्मद निजामुद्दीन शेख नाम के एक अन्य कैदी ने डम्बल से प्रहार कर हत्या कर दी.
शर्मा ने बताया कि घायल हैप्पी सिंह को जेल अस्पताल ले जाया गया जहां उसे पांच टांके लगाये गये और बेहतर इलाज के लिए बाद में उसे एमआर बांगुर अस्पताल ले जाया गया. पर, अधिक खून बह जाने के चलते सिंह की दोपहर में मौत हो गयी. हैप्पी सिंह 2001 से अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल में बंद था. हमलावर कैदी निजामुद्दीन भी हत्या के एक मामले में सजा काट रहा है. बताया जा रहा है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.
प्रेसिडेंसी जेल सूत्रों के मुताबिक, कैदी रोजाना सुबह व्यायाम करते हैं. सोमवार को भी सभी कैदी व्यायाम कर रहे थे. इसी दौरान किसी बात पर हैप्पी सिंह का निजामुद्दीन के साथ विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि व्यायाम कक्ष में रखे डम्बल (कसरत के दौरान उठाया जाने वाला लोहे का वजनदार उपकरण) से निजामुद्दीन ने हैप्पी के सिर पर जोरदार प्रहार कर दिया. गहरा आघात लगने के कारण हैप्पी के सिर से काफी खून बह गया. उसे एमआर बांगुर अस्पताल ले जाया गया. चिकित्सकों के मुताबिक, सुबह 11.32 के करीब उसने दम तोड़ दिया.
हत्यारोपी से पूछताछ : एडीजी (कारागार) अधीर शर्मा ने बताया कि हैप्पी के परिजन पंजाब में रहते हैं. घटना की सूचना उन्हें दे दी गयी है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. वहीं इस घटना की जानकारी के बाद हेस्टिंग्स थाने की पुलिस आरोपी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ कर रही है. वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते
खादिम अपहरण कांड
गौरतलब है कि जूता बनाने वाली कंपनी खादिम के निदेशक पार्थ सारथी राय बर्मन का 2001 में अपहरण हुआ था. अपहरण के मुख्य आरोपी आफताब अंसारी के साथ हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी सिंह, अकीब अली, अब्दुर रहमान पूंजी व असाबुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था. अपहरण मामले में पांचों अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा हुई. आफताब को छोड़ सभी उम्रकैद की सजा होने के बाद से प्रेसिडेंसी जेल में बंद हैं. सोमवार को हैप्पी सिंह की हत्या हो गयी. कोलकाता में ही अमेरिकन सेंटर पर हमले के मामले में आफताब अंसारी को फांसी की भी सजा हुई है. अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. आफताब को दमदम सेंट्रल जेल में रखा गया है.
पूर्व में हमले कर चुका है
कैदी बताते हैं कि हैप्पी का हत्यारोपी निजामुद्दीन पहले भी गुस्से में आकर कई कैदियों पर हमला कर चुका है. उसने 27 नवंबर 2012 को अपने एक साथी कैदी का कान काट लिया था. उसने हाल में एक अन्य कैदी के सिर पर टीवी फोड़कर उसे जख्मी कर दिया. जिसके बाद उसका इलाज कराने के साथ उसे अलग सेल में रखा गया था. वह मानसिक रूप से अस्थिर बताया जा रहा है.
साजिश की आशंका की भी जांच
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि लालबाजार की होमीसाइड शाखा भी मामले की जांच कर रही है. हरप्रीत सिंह की मौत से किसी को कोई फायदा हो रहा है या नहीं इसकी जांच की जा रही है.