बंगाल को गढ़ने में हिंदीभाषियों व गैर-बांग्लाभाषियों का योगदान महत्वपूर्ण है. ऐसे में कथित तौर पर एक जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हिंदीभाषियों को मेहमान संबोधित करने का मामला काफी तूल पकड़ रहा है.
केवल बंगाल ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी इस बयान पर आपत्ति जतायी जा रही है. ठीक इसी तरह राजस्थान के मौजूदा शिक्षा मंत्री काली चरण सराफ भी इस बयान से सहमत नहीं है. वे तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के इस बयान को देश की अखंडता को चुनौती दिया जाना मान रहे हैं.
उन्होंने बयान पर आपत्ति जताते हुए मांग की है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जनता से माफी मांगे. उनका कहना है कि हिंदीभाषियों की आबादी राज्य में आज से नहीं है. यहां मारवाड़ी व सिंधी समुदाय के लोग भी रहते हैं. जब उनका जन्म ही यहीं हुआ, तो वे मेहमान कैसे? उन्हें मेहमान कहना गलत है. उन्हें मेहमान कह भेदभाव करने की कोशिश की जा रही है. इतना ही नहीं, यह पूरे देश की एकता के लिए खतरा है. हिंदीभाषी व गैर-बांग्लाभाषी लोगों को सोचना होगा कि राज्य की मौजूदा सरकार कैसी है? हम भारतवासी हैं और देश के निवासी को मेहमान नहीं कहा जा सकता. प्रभात खबर के कोलकाता कार्यालय पहुंचे राजस्थान के शिक्षा मंत्री काली चरण सराफ से स्थानीय संपादक तारकेश्वर मिश्र की विशेष बातचीत के प्रमुख अंश :
जनता से माफी मांगें ममता
मोदी की लहर का प्रभाव बंगाल में भी
बंगाल में पांच सीटें जरूर जीतेगी भाजपा
सवाल : बंगाल ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में रहने वाले राजस्थानी मूल के लोगों की समस्याओं को लेकर राजस्थान सरकार की कोई विशेष योजना है क्या?
जवाब : देखिये, अन्य राज्यों में रहने वाले राजस्थानी मूल के लोगों की समस्याओं को सुलझाने व उनके साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं हो इसके लिए राजस्थान सरकार ने विशेष प्रकोष्ठ बनाया है. इतना ही नहीं, राजस्थान सरकार देश की अखंडता बरकरार रखने में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. हाल ही में बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गैर-बांग्लाभाषियों को लेकर दिये बयान से लोग काफी आहत हुए हैं.
सवाल : लोकसभा चुनाव के तहत मतदान का दौर जारी है, बंगाल में भाजपा की स्थिति के बारे में क्या कहेंगे?
जवाब : देशभर में भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लहर चल रही है. बंगाल भी अछूता नहीं है. राज्य की कुल 42 लोकसभा सीटों में से 14 सीटों पर भाजपा विपक्षी दलों को कड़ी चुनौती देगी. इनमें पांच सीटों पर भाजपा की जीत तय है. यदि बंगाल में अंतिम दो चरणों के चुनाव निष्पक्ष हुए तो भाजपा की स्थिति विगत लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी मजबूत रहेगी. रही बात देश की तो केंद्र में लोग परिवर्तन चाहते हैं. जनता बदलाव विकास के लिए चाहती है और भाजपा ही एकमात्र विकल्प है.
सवाल : बंगाल में तीन चरणों के तहत 19 सीटों पर मतदान हो चुके हैं. हुए मतदान को लेकर आपकी क्या राय है?
जवाब : बंगाल में हुए मतदान के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा जम कर रिगिंग किये जाने की बात का अंदाजा समाचार पत्रों में छपी खबरों से ही लगाया जा सकता है. निष्पक्ष मतदान करा पाने में चुनाव आयोग विफल रहा है. रिगिंग की घटनाओं के बावजूद श्रीरामपुर, हावड़ा जैसी कई सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने कड़ी टक्कर दी है.
सवाल : बंगाल दौरे की विशेष वजह क्या है?
जवाब : बंगाल में अभी 23 सीटों पर मतदान बाकी है. होने वाले मतदान के चुनाव प्रचार को लेकर राज्य दौरे पर राजस्थान से दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आ चुका है. अन्य दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को आयेगा. प्रचार के तहत हम राजस्थानी मूल के लोगों से बातचीत करेंगे. उनके साथ बैठक करेंगे. आने वाले सदस्यों में विष्णु भूत, गोवंश विकास परिषद के प्रदेश संयोजक हरिहर लाल पारिक, दिनेश बियानी प्रमुख हैं जबकि विधायक खेमाराम मेघवाल, विधायक राजकुमार रिनवा, विधायक रत्न जलधारी, गोवर्धन वर्मा भी राज्य दौरे पर आयेंगे.