7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सन्मार्ग की हो सीबीआइ जांच

हजारों निवेशकों की करोड़ों की राशि गयी डकार आसनसोल : वर्दवान सन्मार्ग माइक्रो फाइनेंस कंपनी द्वारा उगाही गयी करोड़ों रुपये की राशि तथा निवेशकों की राशि वापसी न होने के पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करायी जानी चाहिए. कंपनी के एजेंटों व निवेशकों ने रविवार को चेलीडांगा मदर टेरेसा सरणी स्थित […]

हजारों निवेशकों की करोड़ों की राशि गयी डकार

आसनसोल : वर्दवान सन्मार्ग माइक्रो फाइनेंस कंपनी द्वारा उगाही गयी करोड़ों रुपये की राशि तथा निवेशकों की राशि वापसी न होने के पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करायी जानी चाहिए. कंपनी के एजेंटों व निवेशकों ने रविवार को चेलीडांगा मदर टेरेसा सरणी स्थित बालाजी हॉल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ क ड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

अभिजीत बराट, निरंजन वर्मा, अलका राउत, रेखा विश्वकर्मा, संजय सरकार, अभिजीत कुमार नंदा, माइकल जोसेफ पिल्लई आदि ने कहा कि वे इस कंपनी से एजेंट व निवेशक के रुप में जुड़े हैं. सितंबर, 2013 से यह कंपनी बंद हो चुकी है. इसके अधिकारी भाग चुके है. चेयरमैन समरूप भौमिक फरार है. उनके माध्यम से हजारों निवेशकों ने करोड़ों रुपये इस कंपनी में निवेश किया था. सैक ड़ों एजेंटों ने भी अपनी कमाई इस कंपनी में निवेश किया था. निवेशकों की राशि का परिपक्व होने के बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है.

इससे उनके उपर काफी दबाब बढ़ रहा है. एजेंटों के उपर जानलेवा हमले हो रहे हैं तथा बुरे अंजाम की धमकी मिल रही है. इस मामले को लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पुलिस आयुक्त, महकमा शासक को पत्र लिखा गया. लेकिन कोई पहल नहीं हुई. इस कंपनी ने एलआइसी का लोगो व्यवहार कर स्वयं को एनजीओ व वेलफेयर एजेंसी बताया और निवेशकों को चूना लगाया. वे इस स्थिति के लिए राज्य सरकार को भी जिम्मेदार मानते है, क्योंकि इस कंपनी को लाइसेंस व सर्टिफिकेट केंद्रीय व राज्य सरकार ने प्रदान की थी.

कौन सी कंपनी आरबीआइ की गाइडलाइन नहीं मान रही है और कौन नकली है, इस पर निगरानी रखना सरकार और प्रशासन का दायित्व है. सरकार की भूल का खामियाजा निवेशक उठा रहे है. आसनसोल-शिल्पांचल में दो हजार से अधिक ग्राहक व एजेंट है. सभी ने किसी राजनीति दल का समर्थन न कर नोटा का बटन दबाने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि न्याय न मिलने पर इस मामले को कोलकाता उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की जायेगी. मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष धरना दिया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें