नहीं होगी तृणमूल से समर्थन की जरूरत
कोलकाता : भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने दावा किया कि उनकी पार्टी को लोकसभा चुनावों में 250 से ज्यादा सीटें मिलेंगी और उन्हें चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस या फिर किसी भी अन्य पार्टी से समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी. श्री नायडू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव के बाद समर्थन मांगने का सवाल ही नहीं उठता. उन्हें नहीं लगता कि तृणमूल कांग्रेस समेत किसी भी पार्टी का समर्थन लेने की कोई जरूरत पड़ेगी. पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि मौजूदा अनुमानों के मुताबिक भाजपा अकेले 250 सीटों के आंकड़े को पार करेगी और केंद्र में अपने सहयोगियों के साथ सरकार बनायेगी.
कांग्रेस का पारिवारिक राज खत्म हो जायेगा. देश की जनता कांग्रेस से छुटकारा पाने के लिए मौके की तलाश में है. कांग्रेस ने सरकारी प्रतिष्ठानों जैसे सीबीआइ, आयकर विभाग आदि को राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया है. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा भाजपा पर हमला किये जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को लगता है कि भाजपा खतरा है और इसलिए वे हम पर निशाना साधते हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अब तक की सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ेगा. वह दो अंकों की संख्या से आगे नहीं बढ़ पायेगी. दिल्ली की जामा मसजिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के संबंध में भाजपा सांसद ने कहा कि मैडम की ये कोशिशें उन्हें नुकसान पहुंचायेंगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ना चाहिए. वह हताश होकर इमाम बुखारी की शरण में गयी हैं. वह खुद इमाम बुखारी से मिलती हैं और भाजपा को प्रवचन देती हैं.
कांग्रेस ने देश में गरीबी लायी है. उसके समय में रुपये का अवमूल्यन हुआ है. श्री नायडू ने बाबरी मसजिद मुद्दे पर कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि इसके समय को देखकर साफ है कि इसके पीछे साजिश है. उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव से पहले आप 1992 की एक घटना के बारे में कुछ लाते हैं.
इसका उल्टा असर पड़ेगा. उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी साफ तौर पर सोनिया गांधी और कांग्रेस पर कुछ नहीं बोल रही और केवल नरेंद्र मोदी पर हमला बोल रही है. वह कांग्रेस पार्टी की बी टीम है. वाम मोरचा के तृतीय मोरचे के संबंध में उनका कहना था कि यह मृग मरीचिका के समान है. इससे जुड़ी सभी पार्टियों के नेता प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. तृणमूल का संघीय मोरचा भी कभी नहीं पूरा होनेवाला.