Lucknow: उत्तर प्रदेश के लखनऊ, गोरखपुर एवं सैफई स्थित स्पोर्ट्स कॉलेज (UP Sports Colleges) में बच्चों का प्रारंभिक चयन ट्रायल्स अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की देख-रेख में किया जाएगा. स्पोर्ट्स कॉलेजों में चयन ट्रायल्स के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
चयन समिति में अध्यक्ष होगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी
अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी चयन समिति में अध्यक्ष होगा. इनके अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण के खेल प्रशिक्षक, संबंधित कॉलेज के प्रधानाचार्य, राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी तथा कॉलेज से संबंधित खेल प्रशिक्षक को समिति में सदस्य बनाया गया है.
तीनों स्पोर्ट्स कॉलेजों में अलग-अलग ट्रायल्स
अपर मुख्य सचिव, खेल एवं युवा कल्याण नवनीत सहगल ने बताया कि पूर्व में तीनों स्पोर्ट्स कॉलेजों में संयुक्त रूप से प्रारंभिक चयन ट्रायल्स के माध्यम दाखिले की व्यवस्था थी. छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए अब तीनों स्पोर्ट्स कॉलेजों में अलग-अलग चयन ट्रायल्स कराया जाएगा.
स्पोर्ट्स कॉलेज अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे परिणाम
छात्र-छात्राएं जिस स्पोर्ट्स कॉलेज में प्रवेश के इच्छुक हैं, उनको वहीं पर ट्रायल्स देने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है. तीनों स्पोर्ट्स कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देश भी दिये हैं कि वह अपने यहां आयोजित प्रारंभिक चयन परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों को मुख्य चयन ट्रायल्स परीक्षा में आमंत्रित करेंगे तथा संबंधित खेल की दो दिवसीय फिजिकल, स्किल तथा गेम परीक्षा आयोजित कराई जाए, जिसका परिणाम संबंधित कॉलेज अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे और अन्य माध्यम से चयनित छात्रों को सूचना उपलब्ध करायेंगे.
आधार कार्ड के आधार पर होगा जन्मतिथि का सत्यापन
उत्तर प्रदेश स्पोर्ट्स कॉलेजेज सोसाइटी, लखनऊ के अधीन संचालित तीनों स्पोर्ट्स कॉलेजों में अगले महीने मार्च में सत्र 2023-24 के लिए कक्षा-6 में दाखिले के लिए प्रारंभिक एवं मुख्य चयन ट्रायल लिया जाएगा. लखनऊ, गोरखपुर एवं सैफई तीनों स्पार्ट्स कॉलेजों में तीन दिनों की प्रारंभिक चयन ट्रायल्स का आयोजन किया जाएगा. प्रारंभिक चयन परीक्षा में फिजिकल एवं गेम दोनों में उत्तीर्ण छात्रों का जन्म तिथि सत्यापन के बाद मुख्य चयन ट्रायल्स लिया जाएगा. छात्रों का आधार कार्ड के आधार पर जन्मतिथि का सत्यापन किया जाएगा. इससे पहले मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जारी जन्मतिथि का प्रमाण-पत्र मान्य होता था.