Prayagraj: उमेश पाल अपहरण कांड में गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज लाए गए अतीक अहमद की मुश्किलें अदालत के फैसले के बाद भी कम नहीं होंगी. अतीक पर ये इकलौता मामला नहीं है. उमेश पाल हत्याकांड को लेकर यूपी पुलिस पहले से ही उस पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. इसके लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया जाएगा, जिससे अतीक को यहीं रोककर पूछताछ की जा सके.
राजू पाल हत्याकांड में होना है सजा का ऐलान
इसके साथ ही अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण कांड के बाद राजूपाल हत्याकांड में भी सजा सुनाई जानी है. माना जा रहा है कि इस मामले में एक महीने में दोषियों को सजा सुनाई जा सकती है. वहीं अब अतीक को उमेश पाल की हत्या के मामले में पुलिस अदालत में अर्जी देकर अपनी कस्टडी में लेने का भी प्रयास करेगी. इसके बाद उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए दोबारा अदालत का रुख करेगी.
उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ करने की तैयारी
उमेश पाल हत्याकांड में नामजद और मुख्य आरोपी होने के कारण कोर्ट की मंजूरी मिलने पर अतीक से पूछताछ की जाएगी. इसमें हत्याकांड से लेकर उसकी फरार पत्नी शाइस्ता परवीन, बेटे असद सहित अन्य हमलावरों के बारे में पूछताछ की जाएगी. एसटीएफ और पुलिस की टीमें देश के कई हिस्सों में ताबड़तोड़ दबिश के बावजूद इनका सुराग नहीं लगा पाई है.
मजबूत पैरवी से सजा दिलाने की कोशिश
उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रदेश सरकार अतीक अहमद के खिलाफ दर्ज मुकदमों में मजबूत पैरवी के जरिए उसे कड़ी सजा दिलाने में जुट गई है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के मुताबिक अतीक सहित अन्य मामलों में अभियोजन पक्ष को कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं. यूपी पूरे देश में अभियोजन मामले में बेहतर पैरवी कर अपराधियों को सजा दिलाने में पहले स्थान पर है. ऐसे में माना जा रहा है कि अतीक अहमद की गुजरात वापसी की राह आसान नहीं होगी.
अतीक पर दर्ज हैं 100 मुकदमे, हत्या के कई मामलों में जांच जारी
अतीक अहमद पर दर्ज मुकदमों की बात करें तो इनकी संख्या लगभग 100 है. वहीं वह हत्या के 12 मामलों में नामजद है. प्रयागराज के विभिन्न थानों में उसके खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज है. इनमें खुल्दाबाद में वर्ष 1984, कौशांबी के पिपरी थाने में वर्ष 1991 मामले में वह बरी हो चुका है. वर्ष 1996 में सिविल लाइंस इलाके में दर्ज मुकदमा कोर्ट में है. 1995 में कर्नलगंज थाने में दर्ज हत्या के मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है. इसके अलावा करैली में वर्ष 2001 और कर्नलगंज में वर्ष 2002 में दर्ज हत्या के मामलों में भी वह दोषमुक्त हो चुका है. वहीं वर्ष 2002 में खुल्दाबाद थाने में दर्ज नसीम अहमद हत्याकांड और वर्ष 2005 में धूमनगंज थाने में दर्ज राजूपाल हत्याकांड में अतीक के खिलाफ साक्ष्य कोर्ट में पेश किए जा चुके हैं. इसके अलावा उमेश पाल हत्याकांड में वह नामजद है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है.