मुजफ्फरनगर : देश में धार्मिक आैर जातिगत राजनीति के आबोहवा के बीच पिछले दिनों भीम आर्मी की आेर से देश के हनुमान मंदिरों पर कब्जा किये जाने के एेलान के बाद उत्तर प्रदेश के शुक्रताल में ‘हुनमान धाम’ की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. बताया जा रहा है कि प्रशासन की आेर से यह कदम भीम आर्मी के इस तरह के सभी मंदिरों पर कब्जा करने के एेलान के मद्देनजर उठाया गया है. भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने पिछले रविवार को एेलान करते हुए कहा था कि दलित समुदाय के लोगों को सभी हनुमान मंदिरों पर कब्जा कर वहां दलित पुजारी नियुक्त करने चाहिए. चंद्रशेखर ने यह एेलान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान को दलित बताये जाने के बाद किया था.
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यहां के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि पीएसी और पुलिस टीम हनुमान धाम में तैनात कर दी गयी है, ताकि भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं द्वारा मंदिर पर कब्जा करने के किसी भी प्रयास को रोका जा सके. उन्होंने बताया कि अभी तक यहां किसी भी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है. राजस्थान के अलवर जिले में एक रैली संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा था कि हनुमान एक वनवासी, वंचित और दलित थे. बजरंग बली ने उत्तर से दक्षिण तक और पूर्व से पश्चिम तक सभी भारतीय समुदायों को साथ लाने के लिए काम किया.
इस बयान के बाद सीएम आदित्यनाथ को एक दक्षिणपंथी समूह ने कानूनी नोटिस भेजा है और उनसे भगवान हनुमान को दलित बताने पर माफी मांगने को कहा है. वहीं, पिछले सप्ताह अनुसूचित जनजाति राष्ट्रीय आयोग (एनसीएसटी) के प्रमुख नंद कुमार साई ने दावा किया था कि हनुमान आदिवासी थे.