18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

COVID-19 से राहत के लिए यूपी के प्रतापगढ़ में ग्रामीणों ने नीम के पेड़ के नीचे स्थापित किया ‘कोरोना माता’ का मंदिर

Uttar Pradesh, Pratapgarh District, COVID-19, Corona Mata : प्रतापगढ़ : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के शुक्लपुर गांव में एक 'कोरोना माता' के मंदिर का निर्माण कराया गया है. यहां लोग एक नीम के पेड़ के पास एकत्र होकर घातक कोविड -19 वायरस से सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. मालूम हो कि कोरोना ने हजारों लोगों की जिंदगियां छीन ली हैं.

प्रतापगढ़ : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के शुक्लपुर गांव में एक ‘कोरोना माता’ के मंदिर का निर्माण कराया गया है. यहां लोग एक नीम के पेड़ के पास एकत्र होकर घातक कोविड -19 वायरस से सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. मालूम हो कि कोरोना ने हजारों लोगों की जिंदगियां छीन ली हैं.

ग्रामीणों ने दावा किया है कि ”कोरोनावायरस महामारी और इसके घातक प्रभाव को देखने के बाद हमने एक ‘नीम’ के पेड़ के नीचे कोरोना माता मंदिर स्थापित करने का फैसला किया.” इस विश्वास के साथ कि देवता की प्रार्थना करने से लोगों को निश्चित रूप से घातक रोग से राहत मिलेगी.

न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, मंदिर में ‘कोरोना माता’ नाम की एक सफेद मूर्ति भी स्थापित की गयी है. मूर्ति को भी एक मास्क पहनाया गया है. लोगों को मंदिर के पास प्रार्थना करते और भोग लगाते देखा गया है. बताया जाता है कि ग्रामीणों द्वारा इसके लिए दान एकत्र करने के बाद मंदिर का निर्माण कराया गया है.

‘कोरोना माता मंदिर’ के संबंध में एक ग्रामीण ने कहा कि ”ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से इस विश्वास के साथ मंदिर की स्थापना करने का फैसला किया कि देवी की पूजा करने से लोगों को निश्चित रूप से कोरोनावायरस से राहत मिलेगी, जिसने कई लोगों की जान ले ली है.”

‘कोरोना माता’ की पूजा करने के लिए आये ग्रामीण शुक्लापुर और आसपास के क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा चाहते हैं. वहीं, ग्रामीण कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी सावधान रहते हैं. वे लोगों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाये रखने की याद दिलाते हैं. मंदिर की दीवार पर एक नोटिस लगाया गया है. इसमें कहा गया है कि मास्क का प्रयोग करें, हाथ धोएं और दूरी बनाये रखें. प्रसाद के रूप में केवल पीले रंग के फूल, फल, मिठाई और अन्य की अनुमति है.

उत्तर प्रदेश के गांव में देश का पहला ऐसा मंदिर नहीं बना है, जिसके देवता का नाम बीमारी के नाम पर रखा गया है. यह देखा गया है कि विशेष रूप से महामारी या प्राकृतिक आपदाओं के समय, जैसे चिकन पॉक्स, प्लेग या हैजा देवी की पूजा इस विश्वास के साथ की जाती थी कि वे ग्रामीणों की रक्षा करेंगे और बीमारी को दूर करेंगे.

मालूम हो कि पिछले महीने तमिलनाडु के कोयंबटूर में लोगों को घातक कोविड -19 वायरस से बचाने के लिए एक ‘कोरोना देवी’ की मूर्ति का अभिषेक किया गया था. कामचीपुरी अधिनाम मंदिर के पुजारी ने कहा कि कई वर्षों से लोगों को घातक बीमारियों से बचाने के लिए देवताओं की पूजा की जाती रही है. 1900 के दशक की शुरुआत में जब कोयंबटूर जिला प्लेग की चपेट में आया था, तब राहत की मांग करनेवाले इसके निवासियों ने कथित तौर पर प्लेग मरियम्मन मंदिर में पूजा की थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें