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Explainer : Radha Ashtami 2023 की पूर्व संध्या पर चाव शोभायात्रा, जानें – बरसाने में कैसे बरस रही भक्ति ?

देवी लक्ष्मी का अवतार और भगवान कृष्ण की प्रेमिका मानी जाने वाली राधा जी के लिए राधा कृष्ण मंदिरों को सजाया गया है. विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है. भक्त सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मांग रहे हैं.

बरसाना : राधा अष्टमी का त्योहार 23 सितंबर को मनाया जाएगा. देवी राधा रानी को समर्पित जयंती का प्रतीक इस हिंदू त्योहार को लेकर देश दुनिया में विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़ा उत्साह देखने को मिल रहा है. देवी लक्ष्मी का अवतार और भगवान कृष्ण की प्रेमिका मानी जाने वाली राधा जी के लिए राधा कृष्ण मंदिरों को सजाया गया है. विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है. भक्त सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मांग रहे हैं. राधारानी की नगरी बरसाना के हर मंदिर, आश्रम में राधाजन्म बधाइयों की धूम मची हुई है. इसी के मध्य गुरूवार को कस्बे के वनखंडी परिवार के सदस्य ने चाव शोभायात्रा निकाली और लाड़ली मंदिर पहुंचकर बधाई सामग्री अर्पित की. शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा करके स्वागत किया.

रंगीली गली, फूल गली होकर लाडलीजी मंदिर तक निकाली शोभायात्रा

चैना के थोक स्थित लाला वनखंडी की हवेली से उनके वंशजों ने आज शाम को बैंडबाजों के साथ राधाजी को बधाई देने के लिए चाव शोभायात्रा निकाली गई. चाव शोभायात्रा बाजार, रंगीली गली, फूल गली, सुदामा चौक होकर लाडलीजी मंदिर तक निकाली गई. जिसमें सबसे आगे बैंड बाजे, उनके पीछे गोस्वामी समाज के लोग मुखिया राम भरोसे गोस्वामी के नेतृत्व में बधाई गायन करते हुए चल रहे थे. अंत में महिलाएं बधाई की सामग्री सिरों व हाथों में लेकर चल रहे थे. लाड़लीजी मंदिर पहुंचकर वनखंडी के वंशजों ने मंदिर के सेवायत गोकुलेश गोस्वामी को बधाई सामग्री सौंपी. उसके बाद गोस्वामी समाज के द्वारा मंदिर प्रांगण में बधाई गायन प्रस्तुत किया गया. शोभायात्रा में बड़ी संख्या में भक्त और स्थानीय लोग शामिल थे.

कीर्ति मंदिर में आतिशबाजी के साथ होगा अभिषेक, केक कटेगा

बरसाना. जगद्गुरु कृपालु महाराज के द्वारा स्थापित कीर्ति मंदिर को राधा के जन्मोत्सव के लिए आकर्षक सजावटों से सजाया गया है. जहां 23 सितम्बर की भोर में राधाजी के पंचामृत से अभिषेक दर्शन के साथ केक काटने व आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जाएगा. देश विदेश में राधा नाम का प्रचार प्रसार करने वाले जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के द्वारा कीर्ति मंदिर की स्थापना करने के बाद से उनकी पुत्री विशाखा त्रिपाठी, कृष्ण त्रिपाठी, श्यामा त्रिपाठी के द्वारा राधा जन्मोत्सव कीर्ति मंदिर में धूमधाम के साथ मनाया जाता रहा है. इस बार भी यह उत्सव यहां धूमधाम से मनाने की तैयारियां की गई हैं. रंगीली महल के सचिव नितिन गुप्ता ने बताया कि कीर्ति मंदिर व रंगीली महल को भव्य लाइटिंग व तोरण द्वारों से सजा गया है. राधा रानी के विग्रह का पंचामृत से अभिषेक दर्शन व केक काटा जाएगा. इस दौरान संस्था के परिसर में आतिशबाजी की जाएगी.

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बरसाना में राधा भक्तों की सेवा को लगे भंडारे

बरसाना में राधाष्टमी महोत्सव में भाग लेने आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए राधाजी के भक्त आगे आ रहे हैं. कस्बे में जगह जगह भंडारे व पंडाल लगाए गए हैं. ताकि यहां आने वाला कोई श्रद्धालु भूखा नहीं सोए. कस्बे में राधाजन्मोत्सव का उत्साह अपने चर्म पर है. यहां का गोवर्धन मार्ग हो या नंदगाव कोसी जाने वाले मार्ग पर जगह-जगह भंडारे लगाने की तैयारियां की गई हैं. दोपहर तीन बजे तक नगर पंचायत कार्यालय से पांच भंडारों की अनुमति मिल चुकी थी. उसके बाद भी भंडारे लगाने के लिए अनुमति को आवेदन नगर पंचायत कार्यालय में बढ़ने लगे हैं. नगर पंचायत की ईओ ने सभी भंडारे लगाने वालों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि भंडारे के स्थल के आस पास गंदगी नहीं फैले. इसके लिए डस्टबीन की व्यवस्था भंडारे संचालक करेंगे.

बृषभान जी मंदिर मनेगा जन्मोत्सव

राधा रानी के पिता बृषभान जी के मंदिर में राधा जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. इसके लिए सेवायतों ने मंदिर को भव्य सजाया जाएगा. सुदामा चौक स्थित बृषभानजी मन्दिर में सेवायत के द्वारा राधा रानी के जन्मोत्सव मनानेबके लिए मंदिर को भव्य लाइटों से आजकर बाबा बृषभान जी माता कीरत भैया श्रीधाम को फूल बंगला में विराजमान कर छप्पन भोग लगाएं जाएंगे सुबह भोर में राधाजी का जन्माभिषेक पंचामृत से कराया जाएगा.

राधा जन्म की बधाई देने को उत्साहित हैं नंदगांववासी

बरसाना. श्रीराधारानी की नगरी बरसाना पूरी तरह से राधा जन्मोत्सव के रंग में रंग चुकी है. जगह-जगह धार्मिंक आयोजन किए जा रहे हैं. कस्बे के मंदिर हो या संतों के आश्रम, सभी राधा जन्म की बधाइयों से गुंजायमान हो रहे हैं. यहां के घर घर में खुशियां छाई हुई हैं. बरसाना के सभी मार्गों को आकर्षक विद्युत सजावटों से सजाया गया है. वहीं नंदगांव वासी भी इस खुशी में शामिल होने के लिए आतुर दिखाई दे रहें. नंद भवन से बाबा नंद की तरफ से बाबा वृषभानजी को राधा जन्म की बधाई देने के लिए कल शाम को पहुंचेंगे, जिनका बरसाना वासियों के द्वारा स्वागत किया जाएगा.

बाबा नंद की तरफ से बधाई 23 सितम्बर को लाडलीजी मंदिर पहुंचेगी

नंदभवन से बाबा नंद की तरफ से बधाई लेकर राधाष्टमी की पूर्व संध्या पर 23 सितम्बर की शाम साढ़े चार बजे नंदगांव वासी लाडलीजी मंदिर पहुंचेंगे. जहां पर बरसाना वासियों के द्वारा स्वागत किया जाएगा. उसके बाद बरसाना व नंदगांव वासी राधा जन्म की बधाई प्रस्तुत करेंगे. इस अवसर पर राधाजी के विशेष श्रंगार दर्शनों का आयोजन होगा. रात्रि में मंदिर प्रांगण में बंशी चोरी लीला का आयोजन होगा. 23 सितम्बर को रात्रि ढाई बजे से लाड़लीजी मंदिर में राधा जन्म की लीलाओं, नाईन लीला, दाई, मान सवासिन के पदों का गायन होगा. भोर में चार बजे 27 कुंओं के जल, 27 पेड़ों की पत्तियों, फल, अनाज, मेवा, दूध, दही, शहद, घी, शकर से जन्माभिषेक वेद मंत्रों के साथ आचार्य कराएंगे.

राधाजी की प्रधान सखी ललिता का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया

बरसाना में राधारानी के जन्म से पहले उनकी प्रधान सखी ललिताजी का जन्मोत्सव उनके पैतृक गांव व अष्ट सखी गांवों में धूमधाम के साथ मनाया गया. जन्म अभिषेक के बाद ललिताजी के विग्रह को फूल बंगले में विराजमान कर छप्पन भोग लगाए गए. समूचा ब्रज मंडल भद्रपद की षष्ठी को मंगल गीतों व बधाई गीतों से गूंजने लगा. राधा जन्म से एक दिन पहले उनकी प्रधान सखी ललिताजी का जन्मोत्सव उनके पैतृक गांव ऊंचागांव, बरसाना व अष्टसखी गांवों में वेद मंत्रों के सस्वर उच्चारण कर जन्मोत्सव, दोपहर 12 बजे आटोर पर्वत स्थित ललिताजी मंदिर में मनाया गया. सेवायत नारायण भट्ट के वंशज ललिताजी मंदिर के महंत कृष्णानन्द भट्ट, दिलीप महाराज, लोनजी महाराज, के साथ उनके सहयोगियों ने ललिताजी के विग्रह को गर्भ गृह के बहार निकाल कर घंटे घड़ियाल की धुन पर पंचामृत से अभिषेक दर्शन कराए तो समूचा ललिताजी का मंदिर ललिताजी के जयकारे व राधा रानी के जयकारे से गुंजायमान हो उठा.

ढांडी लीला व ललिताजी जी की वंशावली सुनाई गई

जन्म दर्शनों के बाद ललिताजी के विग्रह को फूल बंगले में विराजमान कर छप्पन भोग आरोगे गए. भक्तों ने अपनी आराध्य ललिताजी के मनमोहक दर्शन कर अपने आप को धन्य किया. इससे पहले सुबह दस बजे मंदिर परिसर में नन्दगोपाल सखी के द्वारा ढांडी लीला व ललिताजी जी की वंशावली सुनाई गई. इस दौरान गुर्जर समाज की महिलाओं का नृत्य लोकगीतों पर आकर्षण का केंद्र रहा. इसके बाद मंदिर परिसर में आये भक्तों को नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि पद्म फौजी ने भंडारा प्रसाद खिलाया गया.

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