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Kanpur Episode : अभियुक्त विकास दुबे और पुलिसिया साठगांठ की जांच के लिए SIT गठित

Kanpur Episode : लखनऊ : कानपुर नगर में घटित घटना के संबंध में शासन द्वारा मामले की जांच विशेष अनुसंधान दल से कराने का शनिवार को निर्णय लिया गया. अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.

लखनऊ : कानपुर नगर में घटित घटना के संबंध में शासन द्वारा मामले की जांच विशेष अनुसंधान दल से कराने का शनिवार को निर्णय लिया गया. अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.

अवस्थी ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवींद्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है. उन्होंने बताया कि विशेष अनुसंधान दल प्रकरण से जुड़े विभिन्न बिंदुओं और प्रकरण की गहन जांच सुनिश्चित करते हुए 31 जुलाई, 2020 तक जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगा.

अवस्थी ने बताया कि कानपुर नगर में घटित घटना के संबंध में जांच में उसके खिलाफ दर्ज मामले, की गयी कार्रवाई, जमानत निरस्तीकरण की दिशा में की गयी कार्रवाई जैसे बिंदु शामिल हैं. उन्होंने बताया कि जांच में पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में आये कारणों जैसे अभियुक्त विकास दुबे के विरुद्ध जितने भी अभियोग प्रचलित है, उन पर अब तक क्या प्रभावी कार्यवाही की गयी?

विकास दुबे तथा उसके साथियों को सजा दिलाने के लिए की गयी कार्यवाही क्या पर्याप्त थी? इतने विस्तृत आपराधिक इतिहास वाले अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी… जैसे बिंदु प्रमुखता से शामिल हैं. अवस्थी ने बताया कि जांच के दायरे में यह बिंदु भी रहेगा कि अभियुक्त विकास दुबे के विरुद्ध कितनी जन-शिकायतें आयीं और उन पर थानाध्यक्ष चौबेपुर द्वारा तथा जनपद के अन्य अधिकारियों द्वारा क्या जांच की गयी और पाये गये तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी, इसका विस्तृत परीक्षण करना.

उन्होंने बताया कि एसआईटी यह जांच भी करेगी कि अभियुक्त विकास दुबे तथा उसके साथियों के विरुद्ध गैंगेस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, एनएसए आदि अधिनियमों के अंतर्गत क्या कार्यवाही की गयी तथा यदि कार्यवाही किये जाने में लापरवाही रही, तो किस स्तर पर लापरवाही रही? अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के पिछले एक वर्ष के सीडीआर का परीक्षण करना एवं उसके संपर्क में आये सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध संलिप्तता की साक्ष्य मिलने की दशा में उपयुक्त एवं कड़ी कार्यवाही करने की अनुशंसा करना भी एसआईटी की जांच के तहत शामिल होगा.

अवस्थी ने बताया कि एसआईटी पता लगायेगी कि घटना के दिन क्या अभियुक्तों के पास उपलब्ध हथियारों एवं उसके फायर पावर के विषय में सूचना संकलन में लापरवाही की गयी. यह किस स्तर पर हुई, क्या थाने में इसकी समुचित जानकारी नहीं थी. एसआईटी इस तथ्य की जांच करेगी और अगर कोई दोषी है, तो उसे चिह्नित करेगी. उन्होंने कहा कि एसआईटी यह जांच भी करेगी कि इतने अधिक अपराधों में संलिप्त रहने के बाद भी विकास और उसके साथियों का हथियार का लाइसेंस किसके द्वारा एवं कैसे दिया गया और लगातार अपराध करने के बाद भी यह लाइसेंस और हथियार उसके पास कैसे बना रहा?

अवस्थी ने बताया कि अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्ति, व्यापारों एवं आर्थिक गतिविधियों का परीक्षण करते हुए उनके संबंध में युक्तियुक्त अनुशंसाएं करना तथा यह भी इंगित करना कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले में किसी प्रकार की ढिलाई, लापरवाही या संलिप्तता तो प्रदर्शित नहीं की एवं यदि ऐसा हुआ है, तो किस स्तर के अधिकारी दोषी हैं… ये सब पहलू एसआईटी की जांच में शामिल होंगे.

अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) ने बताया कि एसआईटी पता लगायेगी कि अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों द्वारा क्या सरकारी तथा गैर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया है? यदि हां, तो इसमें क्या अधिकारियों की भी भूमिका है तथा वे अधिकारी कौन हैं. मालूम हो कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास उज्जैन से कानपुर लाये जाते समय शुक्रवार को मुठभेड़ में मारा गया था.

Posted By : Kaushal Kishor

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