26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP News: गाजियाबाद का क्या होगा नया नाम? गजनगर या हरनंदी नगर, यहां जानें

गाजियाबाद का नाम बदले जाने की चर्चा तेज हो गई है. नगर निगम में गाजियाबाद के नए नाम के रूप में गजनगर और हरनंदीनगर पर विचार किया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही नगर निगम से प्रस्ताव पास करके इस दिशा में कदम आगे बढ़ा दिया जाएगा.

देश की राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर गाजियाबाद का नाम बदले जाने की चर्चा तेज हो गई है. इलाहाबाद का 2018 में नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के बाद से इसकी शुरू हुई चर्चा अब नगर निगम में प्रस्ताव तक पहुंच चुकी है. उम्मीद है कि जल्द ही नगर निगम से प्रस्ताव पास करके इस दिशा में कदम आगे बढ़ा दिया जाएगा. नगर निगम में गाजियाबाद के नए नाम के रूप में गजनगर और हरनंदीनगर पर विचार किया जा रहा है. मीडिया के रिपोर्ट के मुताबिक वार्ड नंबर 100 के भाजपा पार्षद संजय सिंह ने प्रस्ताव नगर निगम में पेश किया है, जिसे बोर्ड की बैठक में चर्चा के लिए लाया जा सकता है. सदन में भाजपा के पास बहुमत होने की वजह से प्रस्ताव के पास होने की उम्मीद की जा रही है. गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने शहर का नाम बदले जाने का प्रस्ताव मिलने की पुष्टि की है.

Also Read: Ram Mandir: अखिलेश यादव को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए मिला निमंत्रण
सीएम योगी से महंत नारायण गिरी ने मुलाकात की थी यह मांग

इससे पहले 2022 में भी दूधेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी महंत नारायण गिरी गाजियाबाद का नाम बदलवाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. उन्होंने सीएम को एक ज्ञापन सौंपते हुए कई नाम सुझाए थे. उन्होंने गाजियाबाद का नाम गजप्रस्थ, दूधेश्वररथ नगर या हरनंदीपुरम करने का प्रस्ताव पेश किया था. उन्होंने कहा था कि यह नगर महाभारतकालीन है और कभी हस्तीनापुर का हिस्सा हुआ करता था जो यहां से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर है. यह एक जंगली क्षेत्र हुआ करता था और यहां हाथियों का झुंड और कई जंगली जानवर रहते थे. चूंकि गज का अर्थ हाथी है, इसलिए गजपुरा या गजनगर नाम उपयुक्त हो सकता है. साथ ही हरनंदीपुरम नाम हिंडन नदी की ओर संकेत करता है जो शहर के बगल से बहती है. जिसपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया है कि वह हमारी मांगों पर गौर करेंगे.

Also Read: Ayodhya: राम मंदिर में लगेगा 44 फीट ऊंचा ध्वजदंड, 21 कुंतल का घंटा भी पहुंचा अयोध्या, जानें और क्या-क्या मिला!
गाजियाबाद का नाम कैसे पड़ा

बता दें कि यूपी डिस्ट्रिक्ट गजेटियर्स में भी मेरठ के आस-पास हाथियों का उल्लेख है, जिसे आखिरी बार 1966 में प्रकाशित किया गया था. महाभारत और कालिदास की रचनाओं में में हस्तिनापुर के उत्तर में विशाल और घने जंगलों का जिक्र किया गया है, जहां पर बड़ी संख्या में हाथियों का झुंड रहता था. वहीं गजेटियर के सातवें संस्करण में लिखा है कि इस स्थान को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है. लेकिन वे ज्यादातर हाथी शब्द के पर्यायवाची हैं. गजेटियर्स के अनुसार 1739 में ईरान के नादिर शाह ने देश पर आक्रमण किया और दिल्ली को लूट लिया, जिससे पड़ोसी जिलों में अशांति फैल गई. 1740 में गाजी-उद-दीन ने गाजीउद्दीननगर शहर की स्थापना की थी. अंग्रेजों द्वारा 1864 में रेलवे के उद्घाटन के समय इस शहर को छोटा करके गाजियाबाद कर दिया गया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें