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UP News: राज्यपाल को समन भेजने के मामले में बदायूं के एसडीएम और पेशकार निलंबित, राजभवन ने जताई थी नाराजगी

प्रमुख सचिव ने इस मामले की बदायूं के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की. वहीं प्रकरण में एसडीएम न्यायिक विनीत कुमार ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि वह उस दिन अवकाश पर थे. उन्होंने पेशकार की गलती बताते हुए उससे स्पष्टीकरण भी मांगा था.

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि विवाद के प्रकरण में राज्यपाल को समन भेजने वाले एसडीएम (न्यायिक) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इस प्रकरण में अब एसडीएम विनीत कुमार को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही राजभवन के लिए समन का आदेश जारी करने एसडीएम के पेशकार बदन सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है. एसडीएम न्यायिक इस कदम के बाद राजभवन ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी. इसके बाद से ही माना जा रहा था कि प्रकरण में एसडीएम व अन्य पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है. अब एसडीएम और उनके पेशकार को सस्पेंड किया गया है. एसडीएम के राज्यपाल के खिलाफ समन जारी करने के बाद से ही नौकरशाही में इसकी काफी चर्चा हो रही थी. राज्यपाल का पद संवैधानिक होने के कारण उन्हें किसी तरह का समन जारी नहीं किया जा सकता, इसके बावजूद इतने बड़ी लापरवाही की गई. प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद प्रमुख सचिव ने बदायूं के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी. हालांकि एसडीएम न्यायिक ने प्रकरण में पेशकार की गलती बताई थी और उससे स्पष्टीकरण भी मांगा था

ढाई बीघा जमीन के विवाद है मामला

उत्तर प्रदेश में बदायूं के बहेड़ी गांव में ढाई बीघा भूमि का विवाद था. यहां रहने वाले चंद्रहास ने एसडीएम विनीत कुमार की कोर्ट में वाद दायर किया था. वादी ने आरोप लगाया कि उसकी चाची कटोरी देवी की भूमि रिश्तेदार ने धोखाधड़ी से अपने नाम कराई. उसे लेखराज के नाम बेच दिया. कुछ समय पूर्व उसमें एक बीघा भूमि बाईपास में अधिग्रहीत हुई, उसका मुआवजा 15 लाख रुपए लेखराज ने लिया था. चंद्रहास ने लेखराज, अधिग्रहण करने वाले लोक निर्माण विभाग और राज्यपाल को विपक्षी पक्षकार बनाया.

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राज्यपाल के विशेष सचिव ने जिलाधिकारी को भेजा पत्र

दरअसल, सरकारी परियोजना में अधिग्रहीत भूमि की लिखापढ़ी राज्यपाल के नाम हुई थी. इसके बाद एसडीएम न्यायिक विनीत कुमार की कोर्ट से जमीन अधिग्रहण संबंधी मामले में सात अक्तूबर को राज्यपाल के नाम समन जारी कर उन्हें 18 अक्तूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया. समन जब 10 अक्तूबर को राजभवन पहुंचा तो राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने 16 अक्तूबर को जिलाधिकारी को पत्र भेजात्र इसमें कहा गया कि समन संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन है और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो.

काम नहीं आई एसडीएम की सफाई

मामले के सुर्खियाें में आने के बाद शासन ने भी इसे गंभीरता से लिया. प्रमुख सचिव ने इस मामले की बदायूं के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की. वहीं प्रकरण में एसडीएम न्यायिक विनीत कुमार ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि वह उस दिन अवकाश पर थे. उन्होंने पेशकार की गलती बताते हुए उससे स्पष्टीकरण भी मांगा था. हालांकि जिलाधिकारी की रिपोर्ट मिलने के बाद शासन ने एसडीएम न्यायिक को निलंबित कर दिया है. जिलाधिकारी की ओर से कहा गया कि मामला गंभीर था, लिहाजा शासन स्तर से एसडीएम न्यायिक को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही पेशकार बदन सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है.

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