Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उन्हें नमन किया है. उन्होंने कहा कि ‘भारत रत्न’, ‘लोकनायक’ जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि, जेपी अहिंसा और क्रांति के सच्चे पर्याय हैं. देश के महान लोकतंत्र की रक्षा के लिए उन्होंने ‘संपूर्ण क्रांति’ की जो बिगुल बजाई, वह सदियों तक गुंजायमान रहेगी. वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर उन्हें लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती मनाने से रोकने का आरोप लगाया है. उन्होंने राजधानी लखनऊ में सपा सरकार में बनाए जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) के प्रवेश द्वार पर टीनशेड लगाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं. इसकी वजह से अंदर प्रवेश नहीं किया जा सकता है. एलडीए ने इसके पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है. हालांकि इसके बावजूद अखिलेश यादव बैरिकेड फांदते हुए समर्थकों के साथ अंदर घुसे और जेपीएनआईसी के अंदर विभिन्न स्थानों को देखा. लोकनायक जय प्रकाश नारायण की 11 अक्तूबर को जयंती है. अखिलेश यादव ने बुधवार को सोशल साइट एक्स पर वीडियो अपलोड करते हुए कहा कि महान समाजवादी विचारक, सामाजिक न्याय के प्रबल प्रवक्ता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर अब क्या सपा को माल्यार्पण करने से रोकने के लिए ये टिन की चद्दरें लगाकर जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र का रास्ता रोका जा रहा है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सच ये है कि भाजपा लोकनायक जयप्रकाश जी के भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ छेड़े गये आंदोलन की स्मृति को दोहराने से डर रही है क्योंकि भाजपा के राज में तो भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोजगारी और महंगाई तब से कई गुना ज्यादा है. उन्होंने कहा कि अब क्या माल्यार्पण के लिए भी जयप्रकाश नारायण जी की तरह ‘संपूर्ण क्रांति’ का आह्वान करना पड़ेगा. अगर भाजपा को यही मंजूर है तो यही सही. एलडीए ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी में माल्यार्पण कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. हालांकि इसके बाद भी सपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और गेट पर तालाबंदी को लेकर जमकर हंगामा किया.
अखिलेश यादव बुधवार को JPNIC में बैरिकेड फांदते हुए समर्थकों के साथ अंदर घुस गए. सपा की ओर से कहा गया कि JPNIC पर ताला डालकर भी अंहकारी सरकार समाजवादियों को नहीं रोक पाई. @yadavakhilesh @shivpalsinghyad @samajwadiparty #JPNIC pic.twitter.com/AuLH9O7ogl
— sanjay singh (@sanjay_media) October 11, 2023
अखिलेश यादव बैरिकेड फांदते हुए समर्थकों के साथ अंदर घुस गए. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एलडीए के टीनशेड लगाने पर नाराजगी भी जताई. सपा की ओर से कहा गया कि जेपीएनआईसी पर ताला डालकर भी अंहकारी सरकार समाजवादियों को नहीं रोक पाई. राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जेपीएनआईसी में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. वहीं सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष के लोकनायक, सामाजिक न्याय के अग्रिम पंक्ति के प्रवक्ता, कालजयी चिंतक व प्रखर समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर सादर नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि. अखिलेश के जेपीएनआईसी में जबरन प्रवेश पर शिवपाल यादव ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सत्ता के दमन की क्रूर हदें व सरहदें समाजवादी विचारधारा को किसी सीमा में नहीं बांध सकती.
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इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार में नेताजी मुलायम सिंह यादव ने जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल केंद्र का उद्घाटन किया था. समाजवादी लोग संपूर्ण क्रांति के नायक जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाते हैं. पहले की तरह इस बार भी हम लोग आये थे, लेकिन पता नहीं क्यों सरकार ने टीन शेड के साथ ताला लगाकर गेट बंद कर दिया. समाजवादी लोग चाहते हैं कि देश जयप्रकाश के संघर्ष को जाने.
भाजपा के लोग स्वतंत्रता सेनानी को याद करने की राह में रोड़ा
अखिलेश यादव ने कहा कि देश में परिवर्तन की जरूरत है. जनता को भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा. जनता की ताकत से ही लोकतंत्र, समाजवाद और संविधान बचेगा. भाजपा बाबा साहब के संविधान को बदलना चाहती है. लोगों की आवाज दबाकर आजादी छीन रही है. जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था, जब उस समय देश में चरम सीमा पर महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी थी. जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर जनता एकजुट हो गयी. आपातकाल लगा, उनके साथ बहुत बड़ी संख्या में नेता और जनता जेल गए. कई लोग कई वर्षों जेल में रहे. उनका संदेश था कि संपूर्ण क्रांति के बगैर कुछ नहीं हो सकता है. भाजपा के लोग ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी को भी याद करने देने में रोड़ा बने हुए हैं.
भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया विश्वस्तरीय स्मारक
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने करोड़ों रुपए से बना विश्वस्तरीय स्मारक बर्बाद कर दिया. करोड़ों की मशीनें खराब हो रही हैं. सरकार टीन लगाकार क्या छिपाना चाहती है? उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता की शक्ति सबसे बड़ी है. जनता की ताकत के आगे सरकार की शक्ति नहीं बचेगी. इस बात का दुःख है कि सरकार ने पुलिस लगाकर लोकतंत्र के महानायक की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से रोका. भाजपा सरकार संविधान और लोकतंत्र को खत्म कर रही है. इस म्यूजियम में जयप्रकाश नारायण के जीवन, संघर्ष की गाथा है. लोग उनके जीवन से प्रेरणा लेंगे. जेपीएनआईसी में हुए नुकसान की जिम्मेदार सरकार है.
मैनपुरी से लोकसभा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि ये सरकार हमेशा अन्याय करती आई है, लोगों पर गलत मुकदमे लगाती आई है. उन्होंने कहा कि लखनऊ विकास प्राधिकरण वाले नहीं चाहते थे कि जय प्रकाश नारायण जो समाजवादी विचारधारा के बहुत ही मजबूत नेता और समाजवाद का स्तंभ रहे हैं, उन्हें सम्मान मिले. यह जो पूरी प्रक्रिया की गई है, सरकार द्वारा इसी मंशा से की गई है.
वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लोकनायक जयप्रकाश की जयंती मनाने का नैतिक अधिकार नहीं है. वो उसी कांग्रेस की गोद में बैठे हैं, जिसने देश में आपातकाल थोपकर लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया. जब उन्हें जेपीएनआईसी के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी तो वो वहां क्या करने गए थे? उन्हें नहीं जाना चाहिए था पर वो मीडिया कवरेज चाहते थे इसलिए नौटंकी करने गए थे.
डिप्टी सीएम ने कहा कि अखिलेश यादव सत्ता के बिना बेचैन हो गए हैं. राज्य की सत्ता उनके हाथ से निकल गई है और केंद्र की सत्ता आनी नहीं है. अब सत्ता के लिए लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास करने वाली कांग्रेस की गोद में बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. इसी तरह इस बार भी कांग्रेस को उखाड़कर फेंक देगी. इस तरह की हरकतों से कुछ नहीं होने वाला है.
अखिलेश यादव इससे पहले कई बार जेपीएनआईसी पहुंचकर वहां की बदहाली पर सवाल उठा चुके हैं. सपा सरकार में शुरू किया गया ये प्रोजेक्ट अभी अधूरा है. कुछ वर्षों पहले जेपीएनआईसी की कई फोटो इंटरनेट मीडिया पर शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा था कि भाजपा सरकार में जेपीएनआईसी की दुर्दशा देखकर दु:ख भी होता है और भाजपा की विकास विरोधी सोच पर क्षोभ भी. अखिलेश यादव ने जेपीएनआईसी की दुर्दशा को जयप्रकाश नारायण का अपमान करार दिया था. इस पोस्ट के वायरल होने पर एलडीए की ओर से संबंधित अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था.
जेपीएनआईसी 900 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बताया जाता है. यह अब तक पूरा ही नहीं हुआ. इस पर देरी के लिए हाईकोर्ट राज्य सरकार और लखनऊ विकास प्राधिकरण को नोटिस भी जारी कर चुकी है. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम से बन रहे इस मल्टी-यूटिलिटी सेंटर JPNIC (जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) का काम वर्ष 2015 में शुरू हुआ था, लेकिन 2017 में राज्य सरकार बदलने के साथ ही भ्रष्टाचार की जांच के लिए काम रोक दिया गया. बताया जाता है कि जिस समूह को इस प्रोजेक्ट का जिम्मा दिया गया था, उसके मालिक सियासी रसूख रखते हैं. उत्तर प्रदेश में सरकार बदल गई, लेकिन वह पार्टी बदलकर सत्ता के साथ बने रहे.
कई साल तक जांच में कोई प्रगति नहीं होने और सैकड़ों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के रुके रहने के बाद एक शख्स ने सरकार से अर्जी देकर काम शुरू करवाने का आग्रह किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. इसके बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार और एलडीए को नोटिस जारी कर किया. इस इमारत में छत पर हेलीपैड, कई ऑडिटोरियम, स्विमिंग पूल तथा अत्याधुनिक सुविधाएं तैयार की जाने की योजना थी, लेकिन काम रुका होने की वजह से यह अधूरी बनी इमारत अब टूटने लगी है. यह इमारत शहर के सबसे पॉश कहे जाने वाले गोमतीनगर में है. इसमें लगा सामान चोरी होने की भी बातें सामने आई है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
जय प्रकाश नारायण भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे. उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है. इंदिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होंने ‘संपूर्ण क्रांति’ नामक आंदोलन चलाया. वे समाज-सेवक थे, जिन्हें ‘लोकनायक’ के नाम से भी जाना जाता है. 1998 में उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मनित किया गया. इसके अतिरिक्त उन्हें समाजसेवा के लिए 1965 में मैगससे पुरस्कार प्रदान किया गया था. दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल ‘लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल’ भी उनके नाम पर है.