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अखिलेश ने शीतकालीन सत्र के छोटे होने पर उठाए सवाल, मायावती बोलीं- सरकार और विपक्ष राजनीति के बजाय करे काम

अखिलेश यादव ने कहा कि इन्वेस्टमेंट कहीं नहीं दिख रहा है. आज तक इतना समय बढ़ाने के बाद भी सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हुईं. देश के बहुत सारे राजनीतिक दल जातीय जनगणना के पक्ष में खुलकर सामने आए, ये अच्छी बात है. जातीय जनगणना के बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है.

UP Assembly Winter Session 2023: यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने नई नियमावली को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया. शीतकालीन सत्र के साथ ही विधानसभा की कार्यवाही नई नियमावली के तहत संचालित होना शुरू हो गया है. इसके बाद अब सदस्य पहले की तरह सदन में विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा कई अन्य पाबंदी भी हैं, जिन्हें विपक्ष लोकतंत्र के खिलाफ बता रहा है. यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में नई नियमावली का विरोध करने के लिए सपा विधायक काले कपड़ों में पहुंचे. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ये सरकार और नई नियमावली का विरोध है. सरकार नहीं चाहती कि हम सरकार के सामने जनता के सवाल उठाएं इसीलिए नए नियम ला रहे हैं. हम लोकतंत्र की मर्यादा में रहकर अपने सवाल उठाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष का सामना नहीं करना चाहती. सरकार इतने कम समय के लिए जो यह सेशन चला रही है, इसका मतलब है कि वह विपक्ष के सवालों से बचना चाहती है. विपक्ष के सवालों का सरकार जवाब दे इसी से लोकतंत्र मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि इन्वेस्टमेंट कहीं नहीं दिख रहा है. आज तक इतना समय बढ़ाने के बाद भी सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हुईं. सरकार ने गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया. धान नहीं खरीदा और जानवर से आज भी किसानों की जान जा रही है. उन्होंने कहा कि देश के बहुत सारे राजनीतिक दल जातीय जनगणना के पक्ष में खुलकर सामने आए, ये अच्छी बात है. जातीय जनगणना के बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है.

वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा में नई नियमावली की बात करें तो के तहत सदन में बैनर और झंडा लेकर आने की अनुमति नहीं है. इस पर सपा विधायक अपने कुर्ते पर सरकार नारे लिखकर पहुंचे, जिनमें प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल उठाए गए थे. उन्होंने अपने कुर्ते पर पीछे लिख रखा था…

बहुत हुआ भ्रष्टाचार

होश में आओ योगी सरकार

यूपी बना है जंगल राज

कहां सो रहे योगी महाराज

गोरखपुर का अमृत रस

थानेदार बेचता है चरस

दलितों को पिलाया जाता है पेशाब

इसका कौन देगा जवाब

योगी सरकार मस्त है

कानून व्यवस्था ध्वस्त है.

Also Read: यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र: सपा विधायकों ने काले कपड़े पहनकर नई नियमावली का किया विरोध, अखिलेश ने कसा तंज
यूपी के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए करें काम

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल साइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का आज से शुरू हुआ सत्र राज्य के समेकित व समग्र विकास तथा जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चाओं व अन्य जरूरी जिम्मेदारियों के निर्वहन के कारण प्रदेश हित में साबित होगा या फिर अन्य कारणों से औपचारिकता मात्र होकर ही रह जाएगा? सरकार व विपक्ष इस पर अवश्य ध्यान दें. उन्होंने कहा कि देश की सर्वाधिक लगभग 25 करोड़ जनसंख्या वाला गरीब व पिछड़ा प्रदेश होने के नाते यूपी के समतामूलक विकास व प्रगति को लेकर केन्द्र व यूपी सरकार की विशेष जिम्मेदारियां हैं. ऐसे में सरकार व विपक्ष राजनीति कम व जनहित व यहां के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए समयबद्ध कार्य करें तो यह उचित.

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