लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आज महागठबंधन का एलान किया जा सकता है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर बातचीत लगभग हो चुकी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग दोनों पार्टियों में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है जबकि आरएलडी अकेले चुनाव में ताल ठोकेंगी जिसका एलान किया जा चुका है लेकिन सूत्रों की माने तो केवल कांग्रेस के साथ उसके गठबंधन को लेकर अंदरूनी बातचीत चल रही है हालांकि, वह महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी.
बड़ा सवाल: कांग्रेस को आखिर कितनी सीटें..
सूत्रों की मानें तो, समाजवादी पार्टी कांग्रेस के लिए 103 सीटें छोड़ सकती है और खुद के पास 300 सीटें रख सकती है. आगे कांग्रेस को फैसला करना है कि वह अपने कोटे की सीटों पर चाहे अपने प्रत्याशी उतारे या किसी दल को अपने कोटे की सीटों पर चुनाव लड़वाये. खबर है कि आरएलडी के साथ इसी कोटे के तहत कांग्रेस गठबंधन का एलान कर सकती है.
अखिलेश ने की तैयारी हो चुकी है शुरू, मुलायम करेंगे प्रचार
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव , प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, मंत्री अहमद हसन और किरनमय नंदा के बीच गठबंधन की सीटों व चुनावी तैयारियों पर चर्चा हुई. इसके बाद पार्टी ने गठंबधन के मसौदे को अंतिम रूप दिए जाने का इंतजार किए बगैर पहले और दूसरे चरण की उन सीटों के प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न हासिल करने के जरूरी फार्म ए व बी वितरित किया. इधर, अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव सपा के लिए प्रचार करेंगे इसकी जानकारी खुद मुलायम ने एक अंग्रेजी अखबार के साक्षात्कार के दौरान दी.
रालोद को गठबंधन में शामिल करने को लेकर कांग्रेस, सपा में सहमति नहीं
महागठबंधन बनाने को लेकर इसके दो संभावित घटककांग्रेसएवं समाजवादी पार्टी के बीच मतभेद सामने आए हैं क्योंकि इसमें राष्ट्रीय लोक दल को शामिल किए जाने को लेकर दोनों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. राज्य की कुल 403 विधानसभा सीटों में से करीब 300 पर चुनाव लडने की घोषणा कर चुकी सपा ने रालोद के साथ गठबंधन की संभावना को यह कहकर नकार दिया है कि वह केवल कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद मांग रहा है ज्यादा सीटें
सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नन्दा ने गुरूवार को बताया कि उनकी पार्टी अजित सिंह की अगुवाई वाले रालोद के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने काफी विचार-मंथन के बाद यह फैसला किया है. गठबंधन तथा सीटों के बारे में फैसला मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव एवं पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के बीच छह घंटे तक चली बैठक में किया गया. सूत्रों के अनुसार खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनाधार रखने वाला रालोद गठबंधन के तहत ज्यादा सीटें मांग रहा था, मगर सपा इसके लिये तैयार नहीं थी. जानकार सूत्रों के अनुसार अजीत ने कहा कि वह 30 से कम सीटों पर राजी नहीं होंगे तथा वह अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने पर विचार कर रहे हैं.